वैश्विक आपूर्ति में सुधार की खबरों के कारण चीनी कीमतों में हल्की गिरावट

लंदन : ब्राज़ील में चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी की खबरों के चलते वैश्विक आपूर्ति में सुधार के उम्मीदों के चलते चीनी कीमतों में हल्की गिरावट देखि गई। शुक्रवार को चीनी की कीमतों में गुरुवार से नकारात्मक कैरीओवर के कारण मामूली गिरावट दर्ज की गई, जब कॉनैब ने अपने ब्राजील के 2023-24 चीनी उत्पादन अनुमान को अप्रैल के 38.8 एमएमटी के पूर्वानुमान से बढ़ाकर 40.9 एमएमटी कर दिया। कॉनैब के अनुसार, अनुकूल मौसम की स्थिति ने गन्ने की पैदावार को बढ़ावा दिया है। इन खबरों के कारन अक्टूबर NY विश्व चीनी #11 (SBV23) शुक्रवार को -0.24 (-1.00%) बंद हुआ, और अक्टूबर लंदन सफेद चीनी #5 (SWV23) -7.80 (-1.12%) बंद हुआ।

चीनी की कीमतों में गिरावट को युनिका का बयान भी कारण बना, जब यूनिका ने पिछले गुरुवार को बताया कि जुलाई की दूसरी छमाही में ब्राजील सेंटर-साउथ चीनी उत्पादन +11.3% y/y बढ़कर 3.681 एमएमटी हो गया और जुलाई से 2023-24 फसल वर्ष में चीनी उत्पादन +19.8% y/y से 19.167 एमएमटी बढ़ गया।साथ ही, इस वर्ष पेराई किये गए गन्ने का 48.62% चीनी उत्पादन के लिए उपयोग किया गया, जो पिछले वर्ष के 44.34% से अधिक है।

चीनी की कीमतों में तब कटौती की गई, जब 4 अगस्त को भारत के खाद्य मंत्रालय ने कहा कि देश में चीनी का भंडार पर्याप्त है। जिससे यह अटकलें कम हो गईं कि भारत चीनी निर्यात में कटौती कर सकता है।आईएसओ ने पिछले गुरुवार को अनुमान लगाया था कि, 2023-24 में वैश्विक चीनी उत्पादन -1.2% गिरकर 174.8 एमएमटी हो जाएगा और 2023-24 में वैश्विक चीनी बाजार 2022-23 के वैश्विक चीनी अधिशेष + 852,000 मीट्रिक टन से -2.12 एमएमटी घाटे में आ जाएगा।

चीनी व्यापारी जार्निको ने पिछले सोमवार को अनुमान लगाया था कि, शुष्क मौसम के कारण थाईलैंड में 2023-24 में चीनी का उत्पादन -31% गिरकर 17 साल के निचले स्तर 7.4 एमएमटी पर आ जाएगा, जिसके बाद चीनी कीमतों को समर्थन मिला। इस वर्ष अब तक, थाईलैंड में वर्षा पिछले वर्ष की समान अवधि से काफी कम है, और अल नीनो मौसम प्रणाली की शुरुआत से अगले दो वर्षों में वर्षा और भी कम हो सकती है। थाईलैंड दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है।

चीनी के लिए एक तेजी का कारक 2 अगस्त को इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (आईएसएमए) का अनुमान था कि, भारत का 2023-24 चीनी उत्पादन -3.4% कम होकर 31.68 एमएमटी हो जाएगा। भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा चीनी उत्पादक है।

चीनी के लिए एक तेजी का कारक यह चिंता है कि, अल नीनो मौसम का पैटर्न वैश्विक चीनी उत्पादन को बाधित कर सकता है। 8 जून को, अमेरिकी जलवायु पूर्वानुमान केंद्र ने कहा कि भूमध्यरेखीय प्रशांत महासागर में समुद्र की सतह का तापमान सामान्य से 0.5 डिग्री सेल्सियस ऊपर बढ़ गया है, और हवा का पैटर्न उस बिंदु पर बदल गया है जहां अल नीनो मानदंड पूरा हो गया है। अल नीनो मौसम पैटर्न आमतौर पर ब्राजील में भारी बारिश और भारत में सूखा लाता है, जिससे चीनी फसल उत्पादन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। आखिरी बार एल नीनो ने एशिया में चीनी फसलों में सूखापन 2015 और 2016 में लाया था, जिससे कीमतें बढ़ गईं।

यूएसडीए ने 25 मई को जारी अपनी द्विवार्षिक रिपोर्ट में अनुमान लगाया कि, वैश्विक 2023-24 चीनी उत्पादन +6.0% y/y बढ़कर रिकॉर्ड 187.881 MMT हो जाएगा और वैश्विक 2023-24 मानव चीनी खपत +2.3% बढ़कर रिकॉर्ड 180.045 एमएमटी तक हो जाएगी। यूएसडीए ने यह भी अनुमान लगाया है कि, 2023-24 वैश्विक चीनी समाप्ति स्टॉक -15.2% गिरकर 13 साल के निचले स्तर 33.455 एमएमटी पर आ जाएगा।

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