लंबे समय से चीनी के भाव में दवाब नजर आ रहा था, जिसके चलते देश भर में मिलें अपनी चीनी को बेचने के लिए कड़ी मशक्कत कर रही थी।
पिछले कुछ महीनों से मिलर्स अधिशेष चीनी, चीनी के भाव में गिरावट, गन्ना बकाया जैसे समस्या से त्रस्त है, जिसके चलते सरकार ने उन्हें संकट से बहार निकालने के लिए चीनी के न्यूनतम बिक्री मूल्य में वृद्धि, बफर स्टॉक, निर्यात सब्सिडी जैसे कदम उठाये है। उन्हें और राहत देने के लिए सरकार ने आने वाले महीने के लिए कम चीनी कोटा आवंटित किया। इसके चलते घरेलु बाजार में अच्छी मांग देखने को मिल रही है। आपको बता दे, खाद्य मंत्रालय द्वारा अगस्त के लिए 19 लाख टन चीनी बिक्री की मंजूरी दी गयी थी और सितम्बर के लिए देश के 535 मिलों को चीनी बिक्री का 19.5 लाख टन कोटा आवंटित किया है। जिसके बाद चीनी के भाव 100 से 120 रुपये तक की तेजी आयी है।
कुल मिलाकर ऐसा लग रहा है कि चीनी उद्योग के “अच्छे दिन” शुरू हो गये है। एक के बाद एक, मांग की तुलना में कम चीनी कोटा आवंटन सुनिश्चित करेगा की आपूर्ति के मुकाबले मांग अधिक रहे।
चीनी कारोबारियों के अनुसार, आज, महाराष्ट्र में S/30 चीनी के भाव 3200 से 3300 प्रति कुन्तल हैं, गुजरात में S/30 के भाव 3250 से 3280 प्रति कुन्तल हैं और M/30 का भाव 3350 से 3400 प्रति कुन्तल हैं, उत्तर प्रदेश में M/30 का भाव 3450 से 3500 प्रति कुन्तल हैं। (सभी भाव जीएसटी के अलावा है)
चीनी की कम मांग के कारण मिलों के गोदामों में चीनी जस के तस पड़ी थी। घरेलू बाजार में आयी तेजी से राहत मिलने की उम्मीद है। इसके साथ त्योहारों और निर्यात की मांगो को ध्यान में रखते हुए चीनी की कीमतों पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
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