पुणे : चीनी मंडी
राज्य में बाढ़ और गन्ने की पैदावार में गिरावट के कारण अगस्त में चीनी की कीमतों में 80 रुपये से 120 रुपये प्रति क्विंटल की बढ़ोतरी हुई है। महाराष्ट्र के पुणे, सांगली, सातारा और कोल्हापुर जिलों में आई बाढ़ में गन्ना बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया है। और साथ ही सूखे के क्षेत्रों में पशुओं के लिए गन्ने की भारी बिक्री के कारण राज्य में 2019-2020 सीझन के दौरान चीनी मिलों को गन्ने की कमी का सामना करना पड़ सकता है। बाढ़ ने राज्य में कई हजार हेक्टेयर पर फसलों को नुकसान पहुंचाया है। अन्य फसलों की तरह, अत्यधिक जलभराव से गन्ने को भी नुकसान हुआ है। इसलिए ऐसी उम्मीद है की इसका असर राज्य में चीनी उत्पादन पर हो सकता है। यह भी संभावना है कि उत्पादन में गिरावट के कारण बाजार में चीनी की कीमतें बढ़ सकती हैं।
उत्तर प्रदेश में चीनी का उत्पादन अधिक हुआ है, लेकिन अन्य राज्यों की तुलना में चीनी की कीमतें भी अधिक हैं, इसलिए महाराष्ट्र में भी चीनी की कीमतें बढ़ रही हैं। श्रावण और भाद्रपद माह, दशहरा, दीपावली आदि त्योहारों के कारण चीनी की मांग बढ़ रही है। अगस्त में सरकार द्वारा घोषित चीनी बिक्री कोटा में से अधिकतर चीनी की बिक्री हो चुकी है।
सीजन 2019-2020 में राज्य का चीनी उत्पादन लगभग 70 से 75 लाख टन रहने की उम्मीद थी, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि बाढ़ के बाद यह 12 से 15 प्रतिशत तक गिर सकता है। गन्ने की कम उपलब्धता के कारण पेराई अवधि पर भी इसका असर पड़ेगा। अनुमान है कि पेराई अवधि 160 दिन से घटाकर लगभग 130 दिन हो सकती है।
पिछले कुछ महीनों से मिलर्स अधिशेष चीनी, चीनी के भाव में गिरावट, गन्ना बकाया और ख़राब मानसून के वजह से आर्थिक स्तिथि को बेहतर बनाने के लिए संघर्ष कर रहे है, लेकिन अब उन्हें घरेलू बाजार में आयी तेजी से राहत मिलने की उम्मीद है।
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