बेंगलुरु: सूखे और बाढ़ ने कर्नाटक में चीनी उत्पादन को प्रभावित किया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (ISMA) के अनुसार, कर्नाटक राज्य में 15 जनवरी 2020 तक 63 चीनी मिलों ने पेराई कर 21.90 लाख टन चीनी का उत्पादन किया, जबकि पिछले साल 15 जनवरी 2019 तक, 65 चीनी मिलें गन्ना पेराई कर रही थीं, जिन्होंने 26.76 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। चीनी उत्पादन में गिरावट का मुख्य कारण राज्य में सूखा और बाढ़ रहा है।
बता दें कि पिछले साल अगस्त में आयी भयानक बाढ़ में हजारों एकड़ गन्ने की फसलें प्रभावित हुई थी, जिससे गन्ना उत्पादन पर काफी असर पड़ा था।
हालही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि कर्नाटक का गन्ना और चीनी उद्योग यहाँ के किसानों की रीढ़ माना जाता है, लेकिन यहाँ पर सूखा पड़ने के चलते और बाढ़ के कारण गन्ने की फसल पर असर पड़ने से किसान और चीनी उद्योग दोनों ही प्रभावित हो रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा था कि केन्द्र सरकार कर्नाटक के गन्ना और चीनी उद्योग को बढ़ावा देने के लिए लगातार काम कर रही है।
कर्नाटक के तरह महाराष्ट्र में भी बाढ़ का असर पड़ा है। गन्ने की किल्लत के कारण महाराष्ट्र में इस सीजन कई चीनी मिलें गन्ना पेराई में भाग नहीं ले पाई।
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