नई दिल्ली: इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, 30 नवंबर, 2020 तक देश में 408 चीनी मिलों का पेराई सीजन शुरू है और 30 नवंबर, 2019 तक 309 चीनी मिलों द्वारा उत्पादित 20.72 लाख टन की तुलना में, 2020-21 सीजन में 42.90 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है। पिछले सीजन के उत्पादन की तुलना में 22.18 लाख टन चीनी उत्पादन अधिक है।
उत्तर प्रदेश में 30 नवंबर, 2020 तक 111 चीनी मिलों ने पेराई शुरू की है और 12.65 लाख टन चीनी का उत्पादन कर चुकी हैं। पिछले साल नवंबर, 2019 तक समान संख्या में मिलों ने पेराई कर 11.46 लाख टन चीनी उत्पादन किया था।
महाराष्ट्र में, इस सीजन में अभी तक 158 चीनी मिलों ने पेराई शुरू कर दी है और 30 नवंबर, 2020 तक 15.72 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले साल इसी तारीख तक संचालित 71 चीनी मिलों ने 30 नवंबर 2019 तक 1.38 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। कर्नाटक राज्य में, 63 चीनी मिलों ने 30 नवंबर, 2020 तक 11.11 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। इसकी तुलना में, पिछले साल 30 नवंबर, 2019 तक 60 चीनी मिलों ने 5.62 लाख टन चीनी का उत्पादन किया था। गुजरात में, 15 चीनी मिलों ने 30 नवंबर, 2020 तक 1.65 लाख टन चीनी का उत्पादन किया है। पिछले सीजन में 14 चीनी मिलों ने 30 नवंबर, 2019 तक 62,000 टन चीनी का उत्पादन किया था। अन्य सभी राज्यों में पेराई शुरू हुई हैं और पेराई की गति बढ़ रही है। अन्य राज्यों में लगभग 61 चीनी मिलें शुरू हैं, जिन्होंने 30 नवंबर, 2020 तक इस सीजन में 1.77 लाख टन का उत्पादन किया है, और पिछले सीजन में 1.64 लाख टन हुआ था।
कुछ उत्तरी राज्यों को छोड़कर अधिकांश प्रमुख राज्यों में औसत एक्स-गेट चीनी मिल कीमतों में दबाव देखा जा रहा हैं। दो प्रमुख चीनी उत्पादक राज्य, महाराष्ट्र और कर्नाटक में, पिछले कुछ महीनों से चीनी मिलों में कीमतें (एक्स-मील प्राइस) लगभग 3,200-3,250 रुपये प्रति क्विंटल के बीच थीं, जिसमें लगभग 50-100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आई है। दक्षिणी राज्यों में भी, एक्स-मिल कीमतों में इसी तरह की गिरावट आई है। चीनी उत्पादन में वृद्धि, सरकार द्वारा निर्यात कार्यक्रम में देरी और चीनी के एमएसपी में वृद्धि पर अभी तक कोई निर्णय नहीं हुआ है, जिसका सीधा असर चीनी कीमतों पर देखा जा रहा है।