लखनऊ: 2020 – 2021 सीजन में महाराष्ट्र ने चीनी उत्पादन में उत्तर प्रदेश को पीछे छोड़ दिया है। इतने ही नही कर्नाटक और गुजरात में भी पिछले साल की तुलना में इस साल चीनी उत्पादन में बढ़ोतरी हुई है। कोरोनोवायरस महामारी के कारन उद्योगों के बंद होने के साथ साथ गन्ना उत्पादकों की आवाजाही पर रोक लगने से यूपी में चीनी का उत्पादन पिछले साल की तुलना में इस साल आठ लाख टन कम हो गया है। इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन के आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल की इसी अवधि में उत्पादित 108.25 लाख टन की तुलना में इस साल 15 अप्रैल तक उत्तर प्रदेश में 100.86 लाख टन चीनी का उत्पादन हुआ है।
दिलचस्प बात यह है कि, राष्ट्रीय स्तर पर 15 अप्रैल 2020 के 248.25 लाख टन की तुलना में इस वर्ष चीनी उत्पादन बढ़कर 291 लाख टन हुआ है। आंकड़ों से पता चला है कि, यूपी में पिछले साल समान अवधि के दौरान 98 मिलें पेराई कर रही थीं, जबकि इस साल 66 मिलें चालू थीं। उद्योग विशेषज्ञों ने कहा कि, चीनी उत्पादन में गिरावट अनिवार्य रूप से चीनी की रिकवरी में कमी के साथ-साथ गन्ने की खेती को कम करने के कारण हुई।
इसके विपरीत, महाराष्ट्र, जो पिछले कुछ वर्षों से यूपी से पीछे है, इस सीजन में महाराष्ट्र ने चीनी उत्पादन में 43.19 लाख टन की तेज वृद्धि दर्ज की है। पिछले साल के 60.76 लाख टन से चीनी उत्पादन बढ़कर इस साल 104 लाख टन हुआ है। कर्नाटक में भी चीनी उत्पादन 2020 के 33.82 लाख टन से बढ़कर इस साल 41.45 लाख टन हुआ है। तमिलनाडु और गुजरात में भी इस सीजन में चीनी का उत्पादन बढ़ा है।