पुणे: दुनिया भर के कई उद्योग कोरोनावायरस से प्रभावित हैं, और चीनी उद्योग उनमें से एक है। भारत में कई चीनी मिलें अभी भी चल रही हैं क्योंकि खेतों में गन्ना खड़ा है। लेकिन श्रमिकों, और गन्ना कटाई मजदूरों की अनुपलब्धता के कारण मिलों की काम करने की गति थोड़ी धीमी जरुर हुई है।
महाराष्ट्र में गन्ना पेराई अंतिम चरम में है। चीनी आयुक्तालय के रिपोर्ट के मुताबिक, 3 अप्रैल, 2020 तक चीनी मिलों ने 528.34 लाख टन गन्ना पेराई करके के 11.21 चीनी रिकवरी के हिसाब से 592.27 लाख क्विंटल, यानी लगभग 59.22 लाख टन चीनी उत्पादन किया है।
इस पेराई सत्र में कुल मिलाकर 146 चीनी मिलों ने भाग लिया, जिनमे 67 निजी और 79 सहकारी चीनी मिलें शामिल हैं।
देश भर में चीनी उत्पादन की बात करें, तो ISMA के आंकड़ों के मुताबिक 31 मार्च, 2020 तक तक 232.74 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया है। ISMA के अनुसार, जहां भी गन्ने की कोई उपलब्धता है, चीनी मिलें यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास कर रही हैं कि किसानों को किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े, और उन क्षेत्रों में चीनी मिलें चल रही हैं।
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