साओ पाउलो : ब्राजील ने इथेनॉल की जगह चीनी उत्पादन को बढ़ावा दिया है, जिससे देश के मुख्य चीनी बेल्ट में मिलें मई के अंत में जितना संभव हो उतना चीनी का उत्पादन करती रही है। जिससे एक साल पहले के चीनी उत्पादन की तुलना में इस सीजन में उत्पादन में 60 प्रतिशत के ऊपर वृद्धि हुई है। ब्राजील के इस रुख से वैश्विक बाजारों में भारत समेत अन्य चीनी उत्पादक देशों को चीनी बिक्री के लिए कड़ी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ सकता है।
गन्ना उद्योग समूह यूनिका ने कहा कि, ब्राजील की मिलों ने नई फसल के पहले दो महीनों में 8 मिलियन टन चीनी का उत्पादन किया, जो कि पिछलें साल 4.8 मिलियन टन था। ब्राजील की मिलें जितना संभव हो उतना गन्ना चीनी उत्पादन के लिए आवंटित कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के मामले विश्व में बढ़ते ही जा रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर अमेरिका और शीर्ष चीनी उत्पादक देशों में से एक ब्राजील में भी हो रहा है। आपको बता दे, कोरोना के कारण देश के इथेनॉल उद्योग को जबरदस्त नुकसान हुआ है। इथेनॉल उद्योग को नुकसान होने के कारण देश की मिलें अब चीनी उत्पादन पर ज्यादा ध्यान केंद्रित कर रही है।
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