कोल्हापुर : चीनी मंडी
सांगली, कोल्हापुर और सतारा में तकरीबन 90,000 हेक्टेयर से अधिक गन्ना क्षेत्र पिछले एक सप्ताह से पानी के नीचे है। गन्ना इन क्षेत्रों में मुख्य फसल है और इसलिए यहाँ गन्ने की फसल बाढ़ से प्रभावित होने की संभावना है। वेस्टर्न इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (विस्मा) द्वारा किए गए प्रारंभिक आकलन के अनुसार, राज्य में 2019-20 में चीनी उत्पादन घटकर 52-55 लाख टन रहने की संभावना है।
‘विस्मा’ के अध्यक्ष बी. बी. थोम्बरे ने कहा कि, वह महाराष्ट्र के पश्चिमी हिस्से में कई मिलों के संपर्क में हैं और उन्हें रिपोर्ट मिल रही है कि गन्ना 5 फीट से अधिक पानी में डूबा हुआ है। उन्होंने कहा क, गन्ना ज्यादा से ज्यादा 1-2 फीट पानी में रह सकता है, लेकिन जब पानी ऊपर पहुंच जाता है तो यह सड़ने लगते है।
राज्य का चीनी उत्पादन इस साल रिकॉर्ड 107 लाख टन के मुकाबले 64 लाख टन के आसपास रहने का अनुमान लगाया जा रहा था। अब अनुमानों को और कम करके 52-55 लाख टन किया जा रहा है।
मराठवाड़ा पहले से ही सूखे की मार झेल रहा था और गन्ने के क्षेत्र में 50-60% की गिरावट दर्ज की थी, क्योंकि जून और जुलाई दोनों महीने सूखा था। महाराष्ट्र स्टेट को-ऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज़ फेडरेशन के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि, स्थिति काफी खराब है और स्पष्ट तस्वीर बाढ़ के कम होने के बाद आएगी। स्वाभिमानी शतकरी संगठन के प्रवक्ता योगेश पांडे ने दावा किया कि, स्थिति बहुत खराब है और नुकसान अधिक हो सकता है।
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