कोल्हापुर: महाराष्ट्र में अब तक 22 चीनी मिलों ने गन्ना पेराई बंद कर दिया है। साथ ही राज्य के कई विभाग में सूखे और बाढ़ के वजह से चीनी उत्पादन सहित रिकवरी पर भी असर पड़ा है। लेकिन कोल्हापर विभाग की चीनी मिलों ने रिकवरी के मामले में अच्छा प्रदर्शन किया है।
चीनी आयुक्तालय के रिपोर्ट के मुताबिक, 27 फरवरी, 2020 तक कोल्हापुर विभाग की चीनी मिलों ने औसतन 12.06 रिकवरी दर्ज की। कोल्हापुर जिले में पंचगंगा चीनी मिल ने सबसे ज्यादा 12.73 चीनी रिकवरी दर्ज की है जबकि सांगली जिले में निनाईदेवी चीनी मिल ने सबसे ज्यादा 12.87 चीनी रिकवरी दर्ज की है।
27 फरवरी, 2020 तक राज्य में 22 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है। जिसमे से 10 औरंगाबाद, 3 अहमदनगर, 3 सोलापर, 4 पुणे, 1 अमरावती और 1 कोल्हापुर की चीनी मिलें शामिल है। फ़िलहाल अब तक चीनी मिलों ने 451.40 लाख टन गन्ना पेराई करके के 11.02 चीनी रिकवरी के हिसाब से 497.45 लाख क्विंटल टन चीनी उत्पादन किया है। वर्तमान सीजन के दौरान राज्य में 143 मिलों ने पेराई सत्र में हिस्सा लिया था।
महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में तेज बाढ़ और मराठवाडा में सूखे के कारण गन्ना फसल क्षतिग्रस्त हुई थी, और तो और मराठवाडा में सूखे के कारण काफी सारे गन्ने का इस्तेमाल पशु शिविरों में चारे के रूप में किया गया, जिसका सीधा असर राज्य के कई चीनी मिलों के पेराई पर दिखाई दे रहा है। गन्ना और श्रमिकों की कमी ने भी इस सीजन में कई चीनी मिलों की कमर तोड़ी है।
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