लखनऊ: चीनी के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में मांग घटने के कारण चीनी की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन के दौरान चीनी की ब्रिकी भी ठप हो गई है।
चीनी के मांग में गिरावट के मुख्य कारण होटल, मिठाई की दुकानों और रेस्तरां का बंद होना माना जा रहा है। UPSMA के मुताबिक चीनी की मांग में कमी से चीनी मिल मालिकों के सामने गन्ना किसानों का भुगतान एक बड़ी समस्या हो जाएगी क्योंकि गन्ने का बकाया 14,000 करोड़ रुपए के पार पहुँच चूका है।
UPSMA के अध्यक्ष सीबी पाटोदिया ने कहा कि मिलों को गन्ना किसानों के बकाये का भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। इनके लिए चीनी मिलों ने राहत पैकेज की मांग की है।
होली के बाद चीनी की बिक्री बढ़ने की उम्मीद थी। क्योंकि गर्मी के सीजन में पेय पदार्थों और आइस-क्रीम बनाने में चीनी की मांग रहती है। लेकिन कोरोनो वायरस महामारी ने इसे तबाह कर दिया है।
उत्तर प्रदेश में कुल 119 चीनी मिलें हैं जिसमें से 30 अप्रैल तक 44 ने पेराई का काम समाप्त कर दिया है जबकि 75 मिलों में अभी भी पेराई जारी है।
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