तिरुवनंतपुरम:केरल की मातृभूमि में प्रकाशित खबर के मुताबिक, राज्य भर में सप्लाईको (Supplyco) आउटलेट्स को चीनी की कमी का सामना करना पड़ रहा है। बताया गया है कि ओणम के बाद कोई नया स्टॉक नहीं मिला। संकट की वजह यह है कि चीनी व्यापारियों का 200 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुका पाने के कारण आपूर्तिकर्ताओं ने टेंडर में हिस्सा नहीं लिया। खाद्य विभाग की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि, वित्त विभाग से और पैसे मांगे जाने के बावजूद उन्हें कोई मदद नहीं मिली।
सीपीआई ट्रेड यूनियन, एआईटीयूसी ने बुधवार और गुरुवार को सचिवालय के सामने सत्याग्रह की घोषणा की है, जिसमें मांग की गई है कि Supplyco को उनके जरूरत का पैसा मिले। चीनी की कीमत सार्वजनिक बाजार में 45 रुपये है, सप्लाईको में केवल 28 रुपये है। Supplyco के सभी आपूर्तिकर्ताओं पर सरकार का 600 करोड़ रुपये बकाया है।
खाद्य विभाग का दावा है कि, सरकार को सप्लाईको को 1500 करोड़ रुपये का भुगतान करना है।इसमें से वित्त विभाग ने विशु-ईस्टर-रमजान बाजार के हिस्से के रूप में मार्च में 200 करोड़ रुपये मंजूर किए थे। हालांकि, वित्त मंत्री केएन बालगोपाल और खाद्य मंत्री जीआर अनिल ने बातचीत की, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।