काठमांडू: देश में त्यौहार का सीजन आने वाला है लेकिन चीनी की किल्लत लोगो को परेशान कर रही है और उपभोक्ताओं का कहना है की वे चीनी के लिए ज्यादा पैसा दे रहे है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कई दुकानों में चीनी नहीं मिल रही है।
नेपाल में कोरोना महामारी के चलते लागु लॉकडाउन से पहले 72 रुपये प्रति किलो पर बेची जानीवाली चीनी का अब खुदरा मूल्य 100 रुपये प्रति किलोग्राम को पार कर गया है। चीनी की महंगाई ने नेपाली नागरिकों की कमर तोड़ दी है। नेपाल गन्ना उत्पादक संघ के अध्यक्ष कपिल मुनि मैनाली ने बताया कि, सरकार के साथ मिलकर चीनी मिल मालिकों ने उच्च मूल्य पर बेचने के इरादे से 100,000 टन चीनी का अवैध रूप से आयात किया था। उपभोक्ता अधिकार कार्यकर्ता प्रेम लाल महारजन ने कहा कि, राष्ट्रीय उपभोक्ता फोरम ने प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ चीनी के अवैध आयात पर शिकायत दर्ज की थी। महाराजन ने कहा, चीनी के अवैध आयात से काले बाजार को बढ़ावा मिलता है। महारजन ने कहा कि भारत में चीनी की कीमत कम है और नेपाली उपभोक्ता 100 रुपये प्रति किलोग्राम से अधिक का भुगतान कर रहे हैं। उद्योग, वाणिज्य और आपूर्ति मंत्रालय ने 50,000 टन चीनी आयात करने के लिए एक सिफारिश जारी की, लेकिन वित्त मंत्रालय ने केवल 30,000 टन चीनी आयात के लिए स्वीकृति दी है। इसमें से फूड मैनेजमेंट ट्रेडिंग कंपनी 10,000 टन और साल्ट ट्रेडिंग कॉर्पोरेशन 20,000 टन का आयात करेगी। सरकार के अनुसार चीनी को बाजार में आने में एक महीने का समय लगेगा।
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