हब न्यूज़ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सीमा पार से मादक पदार्थों का प्रवेश और इस ओर से चीनी की तस्करी, दो मुद्दे हैं, जिन्हें सीमा सुरक्षा बल (BSF) और बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश (BGB) के बीच कल से शिलांग में शुरू हो चुके चार दिवसीय द्विपक्षीय सम्मेलन के दौरान उठाए जाने की उम्मीद है।
भारत के महानिरीक्षक और बांग्लादेश के क्षेत्र कमांडर स्तर पर आयोजित यह सम्मेलन दोनों पक्षों के लिए आपसी चिंता के मुद्दों, विशेष रूप से सीमा पार अपराध, क्षेत्रीय विकास पहल, तस्करी विरोधी प्रयास और अन्य सुरक्षा संबंधी मामलों को उठाने के लिए महत्वपूर्ण है।
बैठक में सीमा पर भारतीय सीमा रक्षकों के समक्ष आने वाली समस्याओं में ट्रकों में चीनी भरकर गुप्त रूप से निर्यात किए जाने की समस्या पर चर्चा होने की संभावना है।
सम्मेलन में दोनों पक्षों के 13 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में बीएसएफ-बीजीबी तथा गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय (विदेश मंत्रालय, बांग्लादेश) और भारतीय नारकोटिक नियंत्रण ब्यूरो के अधिकारी शामिल हैं।
भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व त्रिपुरा सीमांत क्षेत्र के महानिरीक्षक पटेल पीयूष पुरुषोत्तम दास कर रहे हैं। उनके साथ मेघालय, सिलचर और त्रिपुरा सीमांत क्षेत्र के अधिकारी भी हैं।
बांग्लादेशी प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व चटगाँव के अतिरिक्त महानिदेशक और दक्षिण-पूर्व क्षेत्र के क्षेत्र कमांडर मोहम्मद शाजेदुर रहमान कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में भारत से चीनी की तस्करी बढ़ गई है, क्योंकि बांग्लादेश में चीनी की कीमत भारतीय बाजार की तुलना में बहुत अधिक है। इसलिए तस्कर बांग्लादेश में चीनी की तस्करी करते हैं और BSF ने हाल के दिनों में मेघालय में कई टन ऐसी अवैध खेप जब्त की है।
हब न्यूज़ में प्रकाशित खबर के मुताबिक, BSF के एक अधिकारी ने बताया कि बैठक के दौरान इसी तरह के मुद्दे उठाए जाएंगे और इस तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने के तरीकों पर चर्चा की जाएगी।
इस बीच, बैठक के परिणामों और दोनों पक्षों के बीच हुए समझौतों का सारांश देने के लिए चर्चा के संयुक्त रिकॉर्ड पर हस्ताक्षर के साथ सम्मेलन का समापन होगा।