कोल्हापुर: चीनी मंडी
गोकाक की न्यूट्रियन्स एग्रो फुडस् कंपनी ने दौलत चीनी मिल (चंदगढ़) को चलाने के लिए लीज पर लिया था। मिल शुरू करते वक्त जिला बैंक द्वारा लिए गये लोन चुकाने में ‘न्यूट्रीयन्स’ नाकाम रही थी। इसलिए बैंक ने ‘न्यूट्रीयन्स’ द्वारा उत्पादित चीनी जब्त की थी। बैंक ने इस चीनी की बिक्री के लिए निविदाएं आमंत्रित की थीं। ये निविदाएं बैंक की कार्यकारी समिति के समक्ष खोली गई। इसमे पुणे स्थित कंपनी ने सबसे अधिक प्रति क्विंटल 2,718 रुपये की उच्चतम बोली की पेशकश की थी। इस चीनी बिक्री से बैंक को 10 करोड़ रुपये तक की राशि मिलेगी।
कर्ज की वसूली के लिए जिला बैंक द्वारा दौलत चीनी मिल का अधिग्रहण किया गया था। मिल को 2016 में गोकक के न्यूट्रियंन्स एग्रो फुडस् कंपनी चलाने की अनुमति दी गई थी। मिल शुरू करने के लिए न्यूट्रीयन्स कंपनी ने जिला बैंक से ऋण लिया था। लेकिन इस ऋण की किश्तें समय पर नहीं चुकाई गईं, इसलिए बैंक ने 2016-17 में न्यूट्रीयन्स कंपनी की 43,922 क्विंटल चीनी जब्त की थी। बैंक ने इस चीनी को बेचने के लिए निविदाएं आमंत्रित की हैं। इसके लिए 9 कंपनियों ने टेंडर भरा था। सोमवार को जिला बैंक अध्यक्ष हसन मुश्रीफ ने कार्यकारी समिति की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में निविदा खोली गई। इनमें, मेघहंस सेल्स की सबसे ज्यादा बोली की निविदा थी। कार्यकारी समिति ने इस निविदा को मंजूरी दे दी। वर्तमान में बैंक के निदेशक पी.एन. पाटिल, बाबासाहेब पाटिल-आसुर्लेकर, राजेंद्र पाटिल, भैय्या माने, अनिल पाटिल, आर.के. पोवार, मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. ए.बी. माने आदि उपस्थित थे।
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