नई दिल्ली : चीनी मंडी
गन्ना बकाया मुद्दा हमेशा से एक चर्चा का विषय रहा है। और अब सरकार का कहना है की देश में किसानों का गन्ना बकाया कम हुआ है। खाद्य मंत्री रामविलास पासवान ने शुक्रवार को कहा कि, केंद्र सरकार द्वारा किये गये उपायों के चलते कई राज्यों में 2018-19 सीजन के लिए किसानों का गन्ना बकाया 28,222 करोड़ रुपये से 1,314 करोड़ रुपये पर आ गया है। राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान, पासवान ने कहा कि, 2017-18 और 2018-19 के विपणन वर्षों में चीनी का उत्पादन अधिक रहा, जिसके कारण चीनी की घरेलू एक्स-मिल की कीमतों में तेज गिरावट आई। पासवान ने कहा कि, पिछले दो सीजन में अधिशेष चीनी स्टॉक के कारण चीनी बिक्री में गिरावट के चलते मिलों के वित्तीय स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाला।
पासवान ने कहा कि, उत्तर प्रदेश सहित कुछ राज्यों ने SAP (गन्ना मूल्य) की घोषणा की, जो कि केंद्र सरकार की FRP से अधिक है। मंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि, केंद्र ने 2019-20 में कई कदम उठाए हैं और साथ ही चीनी मिलों को गन्ने का बकाया चुकाने में मदद की है। केंद्र सरकार ने 40 लाख टन चीनी का बफर स्टॉक बनाया है, जिसकी कीमत 1,674 करोड़ रुपये है। इसके अलावा मिलों को 60 लाख टन चीनी निर्यात करने में मदद के लिए 6,268 करोड़ रुपये की सहायता दी जा रही है। उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार ने मिलों की तरलता की स्थिति को बढ़ावा देने और किसानों के बकाया भुगतान के लिए, विभिन्न उपाय किए। जिसमे गन्ने की लागत की भरपाई के लिए मिलों को सहायता प्रदान करना, चीनी की न्यूनतम बिक्री मूल्य का निर्धारण, बफर स्टॉक के साथ-साथ निर्यात और सॉफ्ट लोन आदि उपाय शामिल थे। पासवान ने कहा कि पिछले दो चीनी विपणन वर्षों के तुलना में इस सीजन में गन्ना मूल्य बकाया काफी कम है।
यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.