नई दिल्ली : चीनी मंडी
देशभर के किसानों की गन्ना मूल्य बकाया राशि लगभग 10,000 करोड़ (157 नवंबर तक 2017-18 सीज़न और वर्तमान सीजन के बकाया सहित) है। बकाया राशि को लेकर किसान महाराष्ट्र समेत कर्नाटक और युपी में भी आंदोलन छेड रहे हैै। प्रदेश की सरकारे भी किसान का गन्ना बकाया भुगतान को लेकर चिंतीत दिखाई दे रही है।
भारत में 238 चीनी मिलों ने 15 नवंबर तक लगभा 1.163 लाख मेट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया हैै। पिछले साल, इसी अवधि में 349 मिलें ऑपरेशन में थीं और उन्होंने 15 नवंबर 2017 तक 1.373 लाख मेट्रिक टन चीनी का उत्पादन किया था। महाराष्ट्र में 631000 टन, यूपी की मिलों ने 176000 टन, और कर्नाटक और गुजरात की मिलों ने क्रमश: 185000 टन और 105000 टन उत्पादन किया है।
चीनी की कीमतें गिरने लगीं…
मांग से चीनी की अतिरिक्त आपूर्ति के कारण इस महीने की शुरुआत के बाद से पूरे देश में चीनी की एक्स-मिल कीमत गिरने लगी है। भारत सरकार ने घरेलू बाजार में 22 लाख टन चीनी की बिक्री के महीने में आवंटित किया है और यह पिछले दो – तीन साल में नवंबर में मिलों द्वारा बेची जाने वाली चीनी की मात्रा से 4 से 5 लाख टन अधिक है।
हालांकि नवंबर 18 के महीने में कोई बड़ा त्यौहार नहीं है, लेकिन सरकार ने 22 लाख टन का उच्च कोटा आवंटित किया है। इससे चीनी मिलें और चीनी की कीमतों पर दबाव देखा जा रहा है। पूर्व-मिल मूल्य में गिरावट का एक अन्य कारण यह है कि, अधिकांश मिलों ने गन्ना क्रशिंग शुरू कर दिया है और चीनी अधिशेष भी बढ रहा हैै। जहां घरेलू पूर्व मिल चीनी की कीमतें 1 अक्टूबर और 19 नवंबर के बीच 100 से 300 रूपये प्रति क्विंटल गिर गई हैं ।