पीलीभीत: उत्तर प्रदेश में वर्ष 2019-20 के गन्ने का पेराई सत्र शुरु होने वाला है। चीनी मिलों को पेराई सत्र शुरु करने का आदेश तो दे दिया गया है, लेकिन इन मिलों पर किसानों के अभी भी 4096.62 करोड़ रुपए बकाये है। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चीनी मिलों को 31 अक्टूबर तक किसानों के सारे बकाये चुकाने का अल्टीमेटम दिया था, लेकिन चीनी मिलों पर इसकी जूं तक नहीं रेंगी है।
गन्ना किसान इसे 16 सितंबर के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना मान रहे हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार को एक महीने के भीतर किसानों के सभी बकाया राशि को चुकाने का स्पष्ट निर्देश दिया था।
गन्ना आयुक्त संजय भूसरेड्डी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की दो मिलों ने इस सीजन के लिए 14 अक्टूबर से परिचालन शुरू कर दिया है। बाकी की 117 मिलों को 30 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच सकारात्मक रूप से पेराई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। उत्तर प्रदेश में 119 परिचालन चीनी मिलें हैं, जिनमें से तीन राज्य चीनी मिल निगम से संबंधित हैं, 24 सहकारी क्षेत्र में और बाकी 92 निजी तौर पर चलती हैं।
गन्ना बकाया के मुद्दे पर भूसरेड्डी ने कहा कि हमने मिलों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे चालू सीजन के लिए पेराई शुरू होने से पहले सभी पिछले बकाया चुका दें।
इस बीच, जिला गन्ना अधिकारी जितेंद्र कुमार मिश्रा ने कहा कि पीलीभीत की चार चीनी मिलों में से तीन में 147.69 करोड़ रुपये का बकाया है, जिसमें बजाज हिंदुस्तान शुगर मिल की 121.97 करोड़ रुपये की देनदारी भी शामिल है, जबकि एलएच चीनी मिल ने समस्त बकाये को चुका दिया है।
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