लखीमपुर खीरी:बाढ़ ने जिले के गन्ना किसानों काफी नुकसान पहुँचाया है। बाढ़ का पानी फसल के उपर से बह रहा है, और कुछ दिनों तक हालात ऐसे ही रहे तो नुकसान और बढ़ने की आशंका जराई जा रही है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, जनपद में करीब आठ हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल खराब हो गई है, और इसका सीधा असर चीनी मिलों के पेराई पर होने की संभावना बनी हुई है। जानकारों के अनुसार, गन्ना फसल क्षतिग्रस्त होने से इस बार चीनी उत्पादन में करीब पांच लाख क्विंटल की गिरावट आ सकती है।
जनपद की पलिया, खंभारखेड़ा, गोला, गुलरिया और खमरिया इस पांच चीनी मिलों को इस बार करीब 50 लाख क्विंटल कम गन्ना आपूर्ति होने का अनुमान लगाया जा रहा है।इस वजह से मिलों में करीब पांच लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन कम हो जाएगा। गन्ने की फसल बर्बाद होने से किसानों को एक अरब रुपये का नुकसान हुआ है। अमर उजाला की खबर में आगे कहा गया है की, पलिया चीनी मिल क्षेत्र में 22,800 हेक्टेयर गन्ने की फसल बाढ़ के पानी में डूब गई थी। इसमें से दो हजार हेक्टेयर गन्ने की फसल पूरी तरह खराब हो गई। चीनी मिल के जनसंपर्क अधिकारी सतीश श्रीवास्तव ने बताया कि इस बार चीनी मिल को करीब 16 लाख क्विंटल कम गन्ना मिलेगा। इसका असर चीनी उत्पादन पर पड़ेगा। इससे करीब एक लाख क्विंटल चीनी उत्पादन में गिरावट आएगी। गन्ना किसानों को 50 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है।
बलरामपुर समूह की गुलरिया चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना अनिल कुमार ने बताया कि, चीनी मिल क्षेत्र में 6100 हेक्टेयर गन्ने की फसल बाढ़ के पानी में डूबी थी। पानी उतरने के बाद क्षेत्र की 1260 हेक्टेयर फसल पूरी तरह नष्ट हो गई।इस वजह से चीनी मिल को छह से सात लाख क्विंटल गन्ने की कम आपूर्ति होगी। बजाज हिंदुस्थान चीनी मिल गोला क्षेत्र के ममरी, रोशननगर, बांकेगंज, कुकरा, अलीगंज क्षेत्र के बसंती दलेल नगर सेंटर का लगभग 500 हेक्टेयर गन्ना सूख गया। गेहूं कटाई के बाद बोये गए गन्ने को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचा है। चीनी मिल को करीब चार लाख क्विंटल कम गन्ना मिलेगा। गोविंद शुगर मिल क्षेत्र के 594 किसानों का तीन हजार हेक्टेयर गन्ना सूख कर नष्ट हो गया। औसतन उत्पादन की बात करें तो 500 क्विंटल के हिसाब से 15 लाख क्विंटल गन्ना खराब हुआ। इससे किसानों को लगभग 55 करोड़ का नुकसान हुआ है। इस बार मिल का चीनी उत्पादन 1.80 लाख कम होगा। ज्येष्ठ गन्ना विकास अधिकारी घनश्याम सिंह ने बताया कि. बाढ़ क्षेत्र में गन्ना उत्पादन तो कम होता ही है। साथ ही गन्ना से चीनी परता भी करीब एक से डेढ़ प्रतिशत कम होता है।