पोंडा: कोरोना महामारी और लॉकडाउन के चलते गन्ना किसानों की परेशानी बढ़ गई है। गन्ने की कटाई के लिए मजदूर नहीं मिल रहे। गोवा के खेतों में गन्ने खड़े-खड़े सूख रहे हैं। मजदूर नहीं मिल रहे जिसके कारण कटाई नहीं हो पारी है और खेतों में पानी भी नहीं डाला जा सका है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गोवा शुगरकेन फॉर्मर्स एसोसिएशन के वाइस प्रेसिडेंट हर्षद प्रभुदेसाई ने कहा कि जब से लॉकडाउन शुरु हुआ है, राज्य में तकरीबन 2000 टन गन्ने खेतों में सूख गये हैं। उन्होंने कहा कि मेरे ही गांव वडिम-सुंगेम में लगभग 1200 टन गन्नों का नुकसान हुआ है। सुंगेम तालुका गोवा का सबसे अधिक गन्ना उत्पादन करने वाला गांव है।
गोवा के सहकारिता मंत्री गोविंद गौड ने इसके बचाव में कहा कि उनके राज्य में केवल 1600 टन ही गन्ना कटाई नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि सरकार ऐसे गन्ना किसानों के नुकसान की भरपाई करने के बारे में विचार कर रही है, जिन्हे नुकसान हुआ है। राज्य के गन्ना किसानों को चीनी मिलें 1200 रुपए प्रति टन और कृषि विभाग 1800 रुपए समर्थन मूल्य देता है। इस तरह राज्य के गन्ना किसानों को कुल 3000 रुपए प्रति मेट्रिक टन मिलता है।
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