लखनऊ: हाल के दिनों में मौसम की स्थिति में उतार-चढ़ाव ने उत्तर प्रदेश में गन्ने की फसल के लिए चिंता का विषय बना दिया है। राज्य सरकार ने शनिवार को अपने अधिकारियों को गन्ना अनुसंधान परिषद के वैज्ञानिकों के साथ साइट पर निरीक्षण करके फसल पर हमला करने वाले कीड़ों और कीटों की रोकथाम के लिए उचित व्यवस्था करने के निर्देश दिए है। गन्ना एवं चीनी आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने कहा, वायुमंडल में अधिक नमी और मौसम में दिन-प्रतिदिन के उतार-चढ़ाव के कारण, विभिन्न कीट जैसे पाइरिला, ग्रास हॉपर, फॉल आर्मीवर्म और ब्लैक बग गन्ने की फसल को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि, मौसम के उतार-चढ़ाव के दौरान ये कीट गन्ने की फसल पर हमला करते हैं।
भूसरेड्डी ने कहा कि, काला कीड़ा ज्यादातर रतून के पौधे में पाया जाता है। उन्होंने कहा कि, प्रभावित पौधों की पत्तियां पीली हो जाती हैं और भूरे रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। यह गन्ने की पत्तियों का रस चूसते हैं, जिससे गन्ने की वृद्धि रुक जाती है और उपज और चीनी की मात्रा कम हो जाती है। भूसरेड्डी ने विभाग के अधिकारियों और चीनी मिल प्रबंधन को प्रभावित पौधों को नष्ट करने और उन्हें बुवाई के लिए गन्ने के बीज के रूप में उपयोग नहीं करने की सलाह दी है।