औरंगाबाद: चीनी मंडी
महाराष्ट्र में गन्ना पेराई सत्र अपने चरम पर है और अब तक 17 चीनी मिलों द्वारा गन्ना पेराई बंद किया गया है। इस सीजन में राज्य की चीनी मिलों को बाढ़ और सूखे के वजह से कई सारे दिक्कतों का सामना करना पडा है। जिसके चलते कई चीनी मिलों ने तो गन्ना पेराई में ही भाग नहीं लिया।
महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में तेज बाढ़ और मराठवाडा में सूखे के कारण गन्ना फसल क्षतिग्रस्त हुई थी, और तो और मराठवाडा में सूखे के कारण काफी सारे गन्ने का इस्तेमाल पशु शिविरों में चारे के रूप में किया गया, जिसका सीधा असर पेराई पर दिखाई दे रहा है। गन्ना और श्रमिकों की कमी ने भी इस सीजन में चीनी मिलों की कमर तोड़ी है।
चीनी आयुक्तालय के रिपोर्ट के मुताबिक, 23 फरवरी, 2020 तक 17 चीनी मिलों ने पेराई बंद कर दी है। जिसमे से 10 औरंगाबाद, 3 अहमदनगर, 2 सोलापर, और 2 पुणे की चीनी मिलें शामिल है। फ़िलहाल अब तक चीनी मिलों ने 434.55 लाख टन गन्ना पेराई करके के 10.98 चीनी रिकवरी के हिसाब से 477.34 लाख क्विंटल चीनी उत्पादन किया है। वर्तमान सीजन के दौरान राज्य में 143 मिलों ने पेराई सत्र में हिस्सा लिया था।