पोंडा, गोवा: हाल ही में कृषि मंत्री चंद्रकांत कावलेकर द्वारा गन्ना किसानों के साथ आयोजित एक बैठक में मुख्यमंत्री डॉ. प्रमोद सावंत ने घोषणा की थी कि, गोवा की एकमात्र संजीवनी चीनी मिल बंद नहीं होगी। उन्होंने यह भी कहा कि, मिल को आधुनिक बनाने में या एक नया संयंत्र स्थापित करने में दो साल लगेंगे। दो साल के भीतर संजीवनी चीनी मिल को फिर से शुरू करने के राज्य सरकार के आश्वासन के बाद, किसानों ने अगले दो वर्षों तक गन्ने की बुआई करने का फैसला किया है। गन्ना उत्पादक संघ गोवा के उपाध्यक्ष हर्षद प्रभुदेसाई ने कहा कि, वे मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के बयान से संतुष्ट हैं। उन्होंने कहा की, कुछ महीने पहले, राज्य सरकार किसानों को फसल को बदलने के लिए मनाने की कोशिश कर रही थी।
47 साल पुरानी यह मिल जीर्ण-शीर्ण अवस्था में है और मिल के पूरे प्लांट के आधुनिकीकरण की जरूरत है। सरकार द्वारा 2017 में, मिल के आधुनिकीकरण के लिए राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (आरकेवीवाई) के तहत 29.3 करोड़ रुपये की लागत वाली एक परियोजना का प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया गया था। हालांकि, केंद्र सरकार ने यह कहते हुए प्रस्ताव को खारिज कर दिया था कि, यह योजना कृषि इकाइयों के लिए है और संजीवनी मिल सहकारिता विभाग द्वारा चलाई जा रही है। मंत्री कावलेकर ने कहा कि, राज्य सरकार ने हाल ही में मिल को सहकारिता विभाग से कृषि विभाग को सौंप दिया है और सरकार अब इस प्रस्ताव को फिर से केंद्र सरकार के पास लेकर जायेगी।
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