बिजनौर : उत्तर प्रदेश में आगामी गन्ना पेराई सत्र की तैयारियां चल रही है। गन्ना विभाग, चीनी मिलें और किसान अपने अपने हिसाब से पेराई सत्र की तैयारियों में लगे है। गन्ना विभाग ने अब चीनी मिलों से गन्ना सुरक्षण के प्रस्ताव मांगे हैं। चीनी मिलें पेराई क्षमता अनुसार और पुराने गन्ना क्षेत्रफल सुरक्षित रखने के आधार पर प्रस्ताव बना रही है। बाढ़ व बारिश से जनपद में करीब गन्ना 2949 हेक्टेयर गन्ना फसल को नुकसान हुआ है। आगामी गन्ना पेराई सीजन के लिए जनपद में 2 लाख 57 हजार हेक्टेयर गन्ना क्षेत्रफल है। इस गन्ने की पेराई के लिए जिले में 10 चीनी मिल हो जाएंगी। नियमानुसार नई चीनी मिल पर साढ़े सात किलोमीटर परिधि का गन्ना क्षेत्रफल रहता है। कुछ मिलों को अभी से गन्ने की संभाव्य कमी सता रही है।
अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, पेराई सीजन में चीनी मिल 180 दिन तथा चीनी मिल की क्षमता से गुणा करके और कुछ अतिरिक्त गन्ने की मांग करती है। पिछले कई सालों से चीनी मिलें गन्ना सुरक्षण की मांग पर अपना प्रस्ताव भेजने की खासी रुचि नहीं दिखाती थी। इस बार एक नई चीनी मिल शुरू होने तथा बिजनौर मिल की क्षमता वृद्धि होने से गन्ने की मांग बढ़ी। गन्ना सुरक्षण के जिले के प्रस्ताव लखनऊ भेजे जाएंगे। वहां गन्ना सुरक्षण की बैठक में गन्ना आवंटन को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाता है।