लखनऊ : चीनी मंडी
गन्ना बकाया भुगतान से पहले से ही परेशान गन्ना किसान अब योगी सरकार द्वारा दूसरे साल भी राज्य समर्थित मूल्य (SAP) न बढ़ाने से काफी नाराज है, और अब ‘एसएपी’ बढ़ाने के मांग को लेकर किसान संघठनों ने आंदोलन की चेतावनी दी है। ‘एसएपी’ के मुद्दे को लेकर विपक्षी रालोद, कांग्रेस, सपा और बसपा भी योगी सरकार को घेरने की तैयारी में जुट गई है। विपक्षी दलों ने सरकार पर गन्ना किसानों के साथ सौतेला व्यवहार करने का आरोप किया है।
पेराई सत्र 2019-20 में गन्ने का दाम बढ़ने की उम्मीद लगाए बैठे किसानों को दूसरे साल भी मायूसी हाथ लगी है। प्रदेश सरकार ने गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य में दूसरे साल भी कोई बढ़ोतरी नहीं की है। वर्ष 2017 में योगी आदित्यनाथ की नेतृत्व में बनी भाजपा सरकार ने पेराई सत्र 2017-18 में गन्ने के राज्य समर्थित मूल्य में दस रुपये की बढ़ोतरी की थी। इसके बाद प्रदेश सरकार ने ‘एसएपी’ में कोई भी बढ़ोतरी नही की है।
शनिवार को प्रदेश के गन्ना आयुक्त संजय आर भूसरेड्डी ने अगेती प्रजाति के लिए 325, सामान्य प्रजाति के लिए 315 और अनुपयुक्त प्रजाति के लिए 310 रुपये प्रति कुंतल रेट घोषित किया। रेट की घोषणा होते ही किसान संगठनों ने नाराजगी जताई और आंदोलन की तैयारी शुरू कर दी है।
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