लखीमपुर: सरकार ने गन्ना किसानों की पर्ची और भुगतान से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए ‘E Ganna’ ऐप शुरू किया है, जिसका लखीमपुर इलाक़े के एक लाख से ज़्यादा गन्ना किसानों ने फ़ायदा उठाना शुरू कर दिया है। यहां तक कि जिन किसानों के पास स्मार्ट फ़ोन नहीं हैं वे भी पड़ोसी किसानों से अपनी गन्ना पर्ची व अन्य जानकारियां हासिल कर लेते हैं। इससे पर्ची की कालाबाजारी को रोकने में भी काफ़ी मदद मिल रही है।
गन्ना विभाग ने जब ‘E Ganna’ ऐप शुरू किया तो किसानों ने उसकी बारीकियां सीखने में देर नहीं कीं। लखीमपुर में एक लाख किसानों ने इस ऐप का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। इससे उन्हें चीनी मिल से जुड़ी जानकारी मोबाइल पर ही मिल जा रही है तथा बेवजह गन्ना समितियों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे। सरकार के इस कदम से गन्ना माफिया की दाल नहीं गल रही तथा पर्चियों की कालाबाजारी कम हो गई है। गन्ने की घटतौली पर भी अंकुश लगा। ज़ाहिर है, इस हाईटेक ज़माने में गन्ना विभाग की नवीनतम तकनीकी सेवाओं का लाभ लेने के लिएअब गन्ना किसान भी ‘स्मार्ट’ हो रहे हैं।
अब भी कई गन्ना किसान इस ऐप का लाभ लेने से वंचित हैं। गन्ना विभाग इन्हें नई व्यवस्था का लाभ लेने के लिए जागरूक कर रहा है। जिला गन्ना अधिकारी बृजेश पटेल के अनुसार, मोबाइल ऐप शुरू होने से गन्ना किसानों की चीनी मिलों पर निर्भरता घटेगी तथा मिलों की दखलंदाज़ी भी ख़त्म हो सकेगी। मोबाइल ऐप के अलावा वेब पोर्टल ‘केनयूपी डॉट इन’ पर भी किसान ऑनलाइन समस्याओं के समाधान और नई जानकारियां प्राप्त कर सकते हैं।
‘E Ganna’ ऐप के साथ गन्ना किसान भी हो रहे ‘स्मार्ट’ यह न्यूज़ सुनने के लिए प्ले बटन को दबाये.