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सीतामढ़ी : चीनी मंडी
महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और अब बिहार में भी किसान, गन्ना बकाया भुगतान से काफी परेशान है। राज्य सरकार द्वारा गन्ना किसानों को राहत देने में विफल रहने से किसानों में काफी गुस्सा है। सीतामढ़ी के गन्ना किसानों की हालत तो और भी खस्ता हुई है। पिछले साल का रीगा चीनी मिल के पास किसानों का लगभग 135 करोड़ रुपये बकाया है और हालत ऐसी है की, इस साल भी किसानों को मजबूरी में चीनी मिल को गन्ना देना पड़ रहा हैं।
सीतामढ़ी में अभी भी पेराई के लिए करीब 10 लाख क्विटल गन्ना बाकि है। गन्ना की कटनी की बढ़ी हुई मजदूरी से किसानों का पसीना छुट रहा है। गन्ने की ऐसी हालत ने पेराई काफी घट गई है, 5 वर्ष पहले जहां 65 लाख क्विटल गन्ना की पेराई होती थी वह घटकर 38-40 लाख क्विटल पर आ गई है। चीनी मिल पर किसानों के गन्ना मूल्य का 2017-18 तथा 2018-19 का करीब 135 करोड़ रुपये बकाया है। गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए किसान संघठनों ने सरकार से मदद की गुहार लगाई गई, लेकिन किसानों की मांग को सभी जगह दरकिनार कर दिया गया है।