अंबाला (हरियाणा): नारायणगढ़ चीनी मिल से गन्ने के भुगतान में हर साल होने वाली देरी से नाराज किसानों ने समस्या के समाधान के लिए 12 फरवरी को महापंचायत बुलाई है, जिसमें भविष्य के आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। पिछले साल भी किसानों को अपना भुगतान पाने के लिए कई बार विरोध प्रदर्शन करना पड़ा था।
भारतीय किसान यूनियन (चारुनी) के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चारुनी ने बताया कि मिल के सुपरविजन और किसी अनियमितता से बचने के लिए अंबाला के डिप्टी कमिश्नर को चेयरमैन तथा हरको बैंक के एमडी को निदेशक (वित्त) बनाया गया था लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। किसान अपने भुगतान के लिए कितना इंतजार करे। हालांकि चीनी की कम कीमतों की वजह से मिलें समय पर भुगतान नहीं कर सकीं। उनके अनुसार, चीनी का दाम 3,600 रुपये प्रति क्विंटल होनी चाहिए जो कि फिलहाल कम है। वहीं, बीकेयू के प्रवक्ता ने बताया कि इस सीजन में 2 फरवरी तक किसान 28 लाख क्विंटल गन्ने की डिलीवरी कर चुके हैं जिसका करीब 58 करोड़ रुपये बकाया है। नारायणगढ़ चीनी मिल में 12 नवंबर को पेराई सीजन शुरू हुआ तथा गन्ना खरीद के 14 दिनों के भीतर भुगतान कर देना था। लेकिन मिल ने सिर्फ 13 दिसंबर तक के भुगतान को ही मंजूरी दी है।
नारायणगढ़ के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) अदिति ने समस्या को शीघ्र सुलझाने का वादा करते हुए कहा कि चीनी बेचने की दिक्कतों के कारण भुगतान में देरी हुई।
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