चेन्नई : तमिलनाडु गन्ना किसान संघ ने राज्य सरकार से मद्रास उच्च न्यायालय के निर्देश के अनुसार 24 निजी चीनी मिलों द्वारा किसानों को भुगतान किए जाने वाले 1,217 करोड़ रुपये की वसूली करने का आग्रह किया है। DTNext में प्रकाशित खबर के मुताबिक, एसोसिएशन ने कहा कि, किसानों को गन्ने के लिए राज्य-सलाह मूल्य (SAP) का भुगतान किया गया था, जो गन्ने के लिए केंद्र सरकार द्वारा निर्धारित उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) से अधिक है।
2013-14 में, जब तत्कालीन जयललिता सरकार ने गन्ने के लिए SAP की घोषणा की, तो साउथ इंडिया शुगर मिल्स एसोसिएशन (SISMA) ने मद्रास उच्च न्यायालय में एक मामला दायर किया और दावा किया कि राज्य सरकार के पास SAP की घोषणा करने का कोई अधिकार नहीं है। SISMA ने 2013-14 से 2016-17 तक चार वर्षों तक किसानों को SAP का भुगतान नहीं किया। उच्च न्यायालय ने आदेश दिया है कि, राज्य सरकार के पास गन्ने के लिए SAP तय करने का अधिकार है और राज्य सरकार को मिलों से किसानों का बकाया वसूलने के लिए त्रिपक्षीय बैठकें करने का निर्देश दिया है।
एसोसिएशन के बयान में कहा गया है की, अदालत ने 12 सप्ताह में इस मुद्दे को सुलझाने का आदेश दिया था। इसमें सरकार से 1217 करोड़ रुपये का कुल बकाया वसूलने के लिए कदम उठाने की मांग की गई। कोर्ट के आदेश के मुताबिक, सहकारी चीनी मिलों ने राज्य सरकार से सहायता लेने वाले किसानों को 209 करोड़ रुपये का बकाया भुगतान किया था। एसोसिएशन ने मांग की, हम राज्य सरकार से निजी चीनी मिलों से बकाया वसूलने और किसानों को भुगतान करने के लिए त्रिपक्षीय बैठक आयोजित करने की मांग करते हैं।