काठमांडू: नेपाल के गन्ना किसानों ने सरकार से आश्वासन मिलने के बाद राजधानी काठमांडु में पिछले हफ्ते से जारी अपने आंदोलन को ख़त्म कर दिया। किसानों ने सरकार के साथ पांच सूत्री समझौता किया है, जिसमें किसानों को उनके मिलों पर बकाया धन का भुगतान करवाने का आश्वासन भी शामिल है। सरकार ने किसानों को भरोसा दिया है कि चीनी मिल संचालकों पर उनकी बकाया धनराशि 21 जनवरी तक चुकता कर दी जाएगी।
वाणिज्य, उद्योग और आपूर्ति मंत्रालय के संयुक्त सचिव दिनेश भट्टाराई और किसानों के प्रतिनिधि हरिश्याम राय ने शुक्रवार को समझौते पर हस्ताक्षर किये। समझौते में कहा गया है कि मंत्रालय भट्टराई के समन्वय में किसानों, चीनी उद्योगपतियों और विशेषज्ञों का एक टास्क फोर्स गठित करेगा, जो गन्ना किसानों को हर साल देरी से भुगतान किये जाने के मुद्दे का स्थायी समाधान निकालने की दिशा में काम करेगी। बता दें कि गन्ना किसानों को देरी से भुगतान किये जाने का मुद्दा हर साल सुर्खियों में छाया रहता है।
टास्क फोर्स गन्ने की खेती की स्थिति, उत्पादकता बढ़ाने के तरीके, किसानों को समय पर खाद उपलब्ध कराने, देश को चीनी के मामले में आत्मनिर्भर बनाने और चीनी मिलों के प्रबंधन का अध्ययन भी करेगी। मंत्रालय ने कहा है कि वह कृषि एवं पशुधन विकास मंत्रालय और वित्त मंत्रालय को तत्काल पत्र भेजकर उनसे किसानों को मिलने वाली सब्सिडी जारी करने का अनुरोध करेगा। सरकार ने अब तक गन्ना किसानों को पिछले वित्तीय वर्ष की 1.34 अरब रुपये की सब्सिडी का भुगतान नहीं किया।
शुक्रवार के समझौते के अनुसार, मंत्रालय अपने आपूर्ति प्रबंधन प्रभाग को संचार प्रभाग में बदल देगा। किसान उद्योगपतियों से अपनी उपज का भुगतान नहीं मिलने की शिकायतें इस प्रभाग में दर्ज करा सकेंगे। गौरतलब है कि सरकार ने गन्ना किसानों के साथ पहले भी ऐसे समझौते किए थे, लेकिन उन्हें लागू कराने में विफल रही।
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