चेन्नई: तमिलनाडु के तेनकासी और तिरुवन्नमलाई जिलों के हजारों गन्ना किसानों को 31 मार्च तक चौदह महीने से लंबित गन्ना भुगतान मिलने वाला है। अखिल भारतीय किसान सभा (एआईकेएस) से संबद्धित तमिलनाडु शुगरकेन फॉर्मर्स एसोसिएशन ने किसानों के भुगतान के लिए धरणी मिल्स के सामने 4 दिनों तक धरना-प्रदर्शन किया। धरणी मिलों की दो इकाइयों से किसानों को 56 करोड़ रुपये प्राप्त होंगे। हालाँकि, प्रबंधन ने गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 द्वारा निर्धारित ब्याज के साथ राशि का भुगतान करने से इनकार कर दिया है। इस बाबत एआईकेएस ने किसानों के अधिकारों के लिए अदालत का रुख करने का फैसला किया है।
गन्ना किसानों ने चौदह महीने तक तिरुवन्नमलाई और तेनकासी जिलों में धरणी मिल्स के पोलुर और वासुदेवनल्लूर इकाइयों में अपने भुगतान के लिए धरना-प्रदर्शन का फैसला किया। किसानों के 80 घंटे से अधिक समय तक विरोध प्रदर्शन जारी रहने से जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप करने का फैसला किया। प्रशासन ने समाधान खोजने के लिए प्रबंधन और प्रदर्शनकारी किसानों के साथ त्रिकोणीय वार्ता की।
एआईकेएस के स्टेट वाइस प्रेसिंडेंट और गन्ना किसान संघ के प्रमुख जी रवींन्द्रन ने बताया कि प्रशासन को 80 घंटे के लंबे विरोध के बाद आना पड़ा। उन्होंने कहा कि ‘ बातचीत से किसानों के लिए अनुकूल समाधान निकले। मिल प्रबंधन ने 31 मार्च तक शेष राशि का निपटान करने पर सहमति व्यक्त की है। वासुदेवनल्लूर में किसानों को 10 मार्च को शेष भुगतान प्राप्त होगा और 31 मार्च तक पूरा भुगतान कर दिया जाएगा। पोलुर के किसानों को 15 मार्च से 31 मार्च के बीच पूरा भुगतान मिल जाएगा। ।
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