पीलीभीत: भुगतान में देरी, कीटों का हमला, समय से पर्ची न मिलना, सट्टा बनने में दिक्कतें आना, घोषणा पत्र, तौल प्रभावित क्षेत्र सहित लागत में बढ़ोतरी के चलते कई किसानों ने गन्ने के खेती से मुह मोड़ लिया है। अब किसानों ने अपना रुख साठा धान खेती की तरफ किया है। बढती साठा धान की खेती का सीधा प्रभाव गन्ने की खेती पर पड़ा है। इस बार पिछले साल की अपेक्षा लगभग 20 प्रतिशत गन्ने का रकबा घट गया है।
हिंदुस्तान में प्रकाशित खबर के अनुसार, इस बार पूरनपुर गन्ना सहकारी समिति क्षेत्र में 17 हजार 7 सौ 49 हेक्टेयर में गन्ने की फसल लगाई गई है। इसमें 10 हजार 319 पौधा और 7 हजार 423 हेक्टेयर में पेड़ी की फसल है। पिछले साल 22 हजार 323 हेक्टेयर में गन्ने की फसल लगाई गई थी। इसमें 10 हजार 968 पौधा और 11 हजार 353 पेड़ी की फसल थी। औसतन इस बार लगभग 20 प्रतिशत गन्ना का रकबा घटा है। पूरनपुर गन्ना सहकारी समिति क्षेत्र में गन्ने का रकबा घटने के बाद पर्यवेक्षक लगातार किसानों से संपर्क में जुटे हुए हैं। अक्टूबर माह में गन्ने की बुवाई को लेकर किसानों को जागरूक किया जा रहा है। समिति के अंतर्गत एलएच चीनी मिल क्षेत्र के 33, संपूर्णानगर एक, मकसूदापुर एक, बरखेड़ा 6, गुलरिया सात और पूरनपुर चीनी मिल के 12 क्रय केंद्र संचालित हो रहे हैं।
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