गन्ना किसानों का झुकाव दूसरी फसल की ओर

चंड़ीगढ़: पंजाब के गन्ना किसानों के पिछले 9 महीने से भगवानपुरा चीनी मिल में 5.88 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। चीनी मिल के प्रबंधन के खिलाफ 140 किसानों ने आंदोलन शुरु किया है। इस लंबित बकाये के भुगतान में देरी के चलते किसानों का झुकाव धान और गेहूं की फसल की ओर अधिक हो गया है। गन्ने की फसल से वे मुख मोड़ने लगे हैं। गौरतलब है कि जिले के धूरी क्षेत्र के गन्ना किसानों की तीन पीढ़ियां 1950 से गन्ना उगा रही हैं।

खबरों के मुताबिक अपने बकाये के भुगतान की मांग कर रहे चार गन्ना किसानों 41 वर्षीय हरजीत सिंह, 40 वर्षीय भवन सिंह, 52 वर्षीय निर्भय सिंह और 54 वर्षीय बहादुर सिंह ने चीनी मिल के बॉयलर पर गत बुधवार से अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल शुरू की। दूसरे लोग मिल के अंदर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

फरवरी 2019 में, गन्ने की खेती करने वालों ने चालू सीजन के रु .99.80 करोड़ और पिछले वर्ष के रु .27 करोड़ की निकासी के लिए आंदोलन शुरू किया था। किसानों ने राज्य सरकार और चीनी मिल मालिकों की सांठगांठ करके पैसे न चुकाने का आरोप लगाया है। एक किसान अवतार सिंह भुल्लरहेड़ी ने कहा कि चीनी मिल मालिक हमारे पैसे का ब्याज खा रहे हैं और राज्य सरकार उन्हें बचा रही है। हम अपना आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों की बड़ी दयनीय स्थिति हो गई है। तकरीबन 20 किसानों ने आर्थिक संकट के कारण जीवन समाप्त करने की धमकी दी है।

अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर बैठे भवान सिंह पिछले सीजन तक 42 एकड़ जमीन पर गन्ना उगा रहे थे। अब उन्होंने कहा कि वह केवल 2 एकड़ में गन्ने की खेती करेंगे। उन्होंने कहा कि मेरा 40 लाख रुपये और 5 लाख रुपये का बकाया मिल के पास लंबित है। मैंने 55,000 रुपये प्रति एकड़ की दर से जमीन लीज पर ली है। अगर मैं गन्ने का उत्पादन जारी रखता हूं, तो मैं मृत्यु को आमंत्रित करूंगा। इसी तरह 43 एकड़ में गन्ना उगाने वाले हरजीत सिंह को बकाया में 7 लाख रुपये का इंतजार है। उन्होंने भी गन्ना उगाने का मोह छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि गन्ना पर्यावरण के अनुकूल है, लेकिन धान उगाने के सिवाय हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है। क्योंकि इसमें किसानों को 24 घंटे के भीतर पैसा मिल जाता है।

जिला कृषि विभाग के सूत्रों ने कहा कि क्षेत्र के किसानों ने 2018-2019 में संगरूर में 3,462 हेक्टेयर पर गन्ने की खेती की थी। अब, 2019-2020 में जिले में केवल 2,000 हेक्टेयर पर फसल होने की उम्मीद है।

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