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एनडीए ने 2014 में पश्चिमी महाराष्ट्र में एक मजबूत बढ़त बनाई और अहमदनगर सहित क्षेत्र की 11 सीटों में से सात पर जीत हासिल की थी,जो पहले कांग्रेस और एनसीपी का गढ़ माना जाता था।
मुंबई : चीनी मंडी
पश्चिमी महाराष्ट्र, गन्ना किसानों की भारी संख्या के साथ एक महत्वपूर्ण कृषि बेल्ट है, जो एनसीपी प्रमुख शरद पवार का गढ़ माना जाता है। एनडीए ने 2014 में पश्चिमी महाराष्ट्र में एक मजबूत बढ़त बनाई और अहमदनगर सहित क्षेत्र की 11 सीटों में से सात पर जीत हासिल की और एनसीपी के गढ़ में सेंध लगाई थी। एनसीपी ने पूरे राज्य में केवल चार सीटें जीतीं-जिनमें से सभी इस क्षेत्र से थीं, लेकिन अब चीजें काफी बदल गई हैं। लोकसभा चुनाव में ‘गन्ना बेल्ट’ में शरद पवार की वापसी करने की काफी संभावना बनी हुई है।
किसान कहते है…अब मोदी को परास्त करने के लिए करेंगे वोट
पश्चिमी महाराष्ट्र के गन्ना किसान मानते है की, 2014 में, सभी ने भाजपा को वोट दिया। हम एनसीपी समर्थक थे, लेकिन मोदी को वोट दिया। लेकिन इस बार, हम और हमारे परिवार मोदी को हराने के लिए वोट देंगे। यह सरकार किसानों के लिए नहीं है, बल्कि अमीर लोगों के लिए है। किसान कहते है की, एकमुश्त एफआरपी हो या अन्य फसल के मुद्दे सरकार ने किसानों का हित नही देखा।
किसानों में है काफी आक्रोश…
कोल्हापुर जिले के मौजे तासगाव में 1,700 मतदाता हैं, जिनमें मुख्य रूप से किसान हैं। गांव का एक युवक जो भाजपा का एक सदस्य भी हैं, वह भी पार्टी से नाराज हैं। उसने कहा की, हम (भाजपा) यह कहते हुए सत्ता में आए कि कांग्रेस भ्रष्ट है। लेकिन अब, कांग्रेस के सभी भ्रष्ट नेता भाजपा में शामिल हो गए हैं। शीर्ष नेतृत्व में कोई भी हमारी बात नहीं सुनता है। हालांकि, उज्ज्वला योजना ग्रामीण इलाकों में काफी पसंद की गई, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। हमें अपनी उपज का उचित मूल्य चाहिए। हम अपने प्याज को 8 रुपये प्रति किलो में बेच रहे हैं और हमारी लागत 6 रुपये प्रति किलोग्राम है। ऐसे हालत में सरकार को किसानों के हित में कुछ मजबूत कदम उठाने की आवश्यकता थी, लेकिन सरकार इसमें नाकाम हो गई है। इस वजह से किसानों में काफी आक्रोश है।
राजू शेट्टी फैक्टर है अहम…
2014 में, स्वाभिमान शेतकरी संगठन (SSS) NDA का हिस्सा था और इसके अध्यक्ष राजू शेट्टी ने हातकणगले क्षेत्र से चुनाव लड़ा था। दो बार के सांसद, शेट्टी इस समय यूपीए के साथ हैं और उनकी पार्टी हातकणगले और सांगली से चुनाव लड़ रही है। कांग्रेस पुणे और सोलापुर से चुनाव लड़ रही है जबकि एनसीपी बाकी 7 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। शेट्टी ने कहा की, 2014 के चुनावों के दौरान, मोदी जी ने वादा किया था कि, वह स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट को लागू करेंगे, “लेकिन उन्होंने किसानों के साथ एक विश्वासघात किया है।
पवार पॉवर…
यह चुनाव शरद पवार के लिए प्रतिष्ठा की लड़ाई है। उनके परिवार के दो सदस्य-बेटी सुप्रिया सुले और पोते पार्थ पवार-चुनाव लड़ रहे हैं। सुले बारामती से हैं जबकि एनसीपी के वरिष्ठ नेता अजीत पवार के बेटे पार्थ मावल से चुनाव लड़ रहे हैं। इन दोनों सीटों पर जीत हासिल करना पवार के राजकीय वजूद को बरकार रखने के लिए काफी जरूरी है।
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