युगांडा के गन्ना किसान ‘क्षेत्रीकरण’ मॉडल में चाहते है बदलाव…

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कम्पाला : मसिंदी, मुकोनो और बुसोगा के गन्ना किसान संघ द्वारा संसद के स्पीकर रेबेका कडगा को गन्ने के क्षेत्रीकरण (ज़ोनिंग) के बारे में याचिका दी है। इस याचिका में कहा गया है कि, गन्ने का क्षेत्रीकरण एक आउट-डेटेड मॉडल है, क्योंकि इसमें किसी विशेष मिल के उत्पादन के लिए किसानों की जमीन (निजी संपत्ति) हड़प ली जाती है।

याचिका में, किसानों का कहना है कि क्षेत्रीकरण को वैध बनाने के किसी भी प्रयास से पहले कुछ शर्तों को पूरा किया जाना चाहिए। ज़ोन में किसानों की भूमि को निवेश के रूप में माना जाना चाहिए, चीनी मिल के कम से कम 60 प्रतिशत शेयर किसानों के पास होने चाहिए, क्योंकि किसान 70 प्रतिशत से अधिक कच्चा माल आपूर्ति करते हैं। किसानों को मिल के संचालन बोर्ड पर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए है। 10 महीने से ऊपर के गन्ने के मामले में किसानों को पूरी तरह से मुआवजा देने का जिम्मा सरकार को लेना चाहिए, क्योंकि 25 किलोमीटर के दायरे में प्रति दिन 10,000 टन गन्ने की उत्पादन क्षमता है, और अभी तक युगांडा में चीनी मिलों की इतनी पेराई क्षमता नही है। इसके अलावा, किसान 18 महीने की निर्धारित समय सीमा (चीनी नीति 2010) से परे गन्ने की कटाई में देरी के लिए प्रति माह 3 प्रतिशत ब्याज का जुर्माना भी चाहते हैं।

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