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लखनऊ: गन्ना आयुक्त कार्यलय लखनऊ में किसानों की विभिन्न मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन आयोजित हुआ ।आपको बता दे की भुगतान में देरी को लेकर उत्तेजित, उत्तर प्रदेश के गन्ना किसान 15 फरवरी को राज्य में विरोध रैली निकालने के लिए तैयार थे, लेकिन पुलवामा में सीआरपीएफ जवानों पर आतंकी हमले के बाद इस सभा को शहीद किसानों के नाम श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए बेहद शांतिपूर्ण तरीके से सम्पन्न किया गया।
अंजनी दीक्षितजी, ज़िला अध्यक्ष राष्ट्रीय किसान मजदूर संगठन जनपद लखीमपुर खीरी, ने बताया की हम ‘जय जवान जय किसान’ वाली विचारधारा का सम्मान करते हैं, और इसको मद्देनजर रखते हुए हमने सभा को शहीद किसानों के नाम समर्पित कर दिया और इसे शांतिपूर्ण ही रखा।
किसानों की प्रमुख मांगे –
1) आने वाले पैरोई सत्र 2019-20 में गन्ने का रेट स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट के तहत (C2+50%) मिले जो सरकार के लागत आंकड़े के अनुसार 435 रुपये प्रति क्विंटल होता है।
2) गन्ना कृषकों के फसल ऋण की सरकार द्वारा सम्पूर्ण कर्जमाफी।
3 ) प्रदेश के सभी किसानों को 2015-16, 2016-17, 2017-18 के 15 दिन में भुगतान के विलम्ब के ऊपर ब्याज दिया जाए।
4 तत्काल 2018-19 का ब्याज समेत भुगतान किया जाए।
5 ) जिन मिलों ने 2017-18 का भुगतान बकाया है उनका तत्काल ब्याज सहित भुगतान कराया जाए और मालिकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाए ।
6 )बिलासपुर-बहेड़ी-पूरनपुर-खीरी आदि इलाकों के जो सट्टे बन्द या रद्द कर दिए हैं उन्हें तत्काल चलाया जाए जिससे किसानों को दिक्कत न आये।
7) अमरोहा, मझौला ओर छाता चीनी मिल जो बन्द पड़ी हैं उनको तत्काल चलाया जाए।
गन्ना किसानो की मांग है की उनका बाकया भुगतान जल्द से जल्द हो, लेकिन काफी सारे चीनी मिल भुगतान करने में असमर्थ रही है। गन्ना नियंत्रण अधिनियम 166 के अनुसार, गन्ने के क्रशिंग के बाद किसानों को 14 दिनों के भीतर भुगतान करना जरूरी होता है।
इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन ने इस महीने की शुरुआत में जनवरी के अंत में देश में 20 हजार करोड़ रुपये के गन्ने के बकाया का अनुमान लगाया था, और कहा कि यदि अप्रैल के अंत तक मौजूदा स्तर पर बने रहेंगे, तो वे अप्रैल के अंत तक “बहुत असहज” स्तर तक बढ़ सकते हैं।
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