लखनऊ: उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों ने 2019-20 पेराई सत्र के लिए गन्ने के मूल्य में वृद्धि नहीं किये जाने की वजह से राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार के ख़िलाफ़ बुधवार को लखनऊ सहित राज्य के कई राजमार्गों को जाम करके विरोध प्रदर्शन किया। किसानों के विरोध प्रदर्शन को बीजेपी से जुड़े भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) ने भी अपना समर्थन दिया है।
बता दें कि शनिवार को राज्य सरकार ने सामान्य गन्ने का मूल्य (एसएपी) 315 रुपये प्रति क्विंटल तथा अन्य किस्मों के गन्ने के लिए 325 रुपये और 310 रुपये प्रति क्विंटल रखने की घोषणा की थी। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब आदित्यनाथ सरकार ने गन्ना मूल्य में वृद्धि नहीं की। 2017-18 सीज़न में इस सरकार ने मात्र 10 रुपये प्रति क्विंटल (सामान्य किस्म) दाम बढ़ाया था।
बीकेयू ने मुद्रास्फीति और कृषि इनपुट लागत में वृद्धि का हवाला देते हुए प्रति क्विंटल 450 रुपये के गन्ने के मूल्य की मांग की है। बीकेयू यूपी के अध्यक्ष दीवान चंद्र चौधरी ने कहा कि यूनियन ने गन्ना मूल्य 450 रुपये प्रति क्विंटल करने और गन्ने के बकाये का भुगतान ब्याज सहित करने के संबंध में सरकार को 21 दिसंबर तक का समय दिया है। साथ ही, फसल के ठूंठ को जलाने और पर्यावरण के नाम पर किसानों के उत्पीड़न को रोकने की मांग भी की है। बीकेयू के विरोध प्रदर्शन को विफल करने के लिए सरकार ने कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की थी। यूपी के गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने एक समाचार चैनल से कहा कि सरकार गन्ने के बकाया का शीघ्र भुगतान करने के लिए ज़रूरी कदम उठा रही है।
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