मुजफ्फरनगर, उत्तर प्रदेश: जिले में मौसम परिवर्तन, बीमारी की मार और फसल लागत में बढ़ोतरी के चलते से गन्ना किसानों का कहना है की उन्हें घाटा हो रहा है। जिले में इस बार पांच हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल बढ़ने के बावजूद पिछले वर्ष के मुकाबले 50 लाख क्विंटल गन्ने की कम पैदावार होने की संभावना है। गन्ना विभाग और चीनी मिलों के ताजा सर्वे यह रिपोर्ट सामने आ रही है।
गन्ना विभाग और चीनी मिलों के सर्वे की माने तो इस बार चीनी मिलों में गन्ना आपूर्ति कम होगी। जिले में गन्ने का क्षेत्रफल एक लाख 76 हजार हेक्टेयर है जो गत वर्ष से पांच हजार हेक्टेयर अधिक है। गन्ने का क्षेत्रफल बढ़ने के बाद भी गन्ना उत्पादन 50 लाख क्विंटल कम रहने की संभावना है। चीनी का उत्पादन पिछले वर्ष 105 लाख 71 हजार क्विंटल था उसके 100 लाख क्विंटल तक ही पहुंचने की संभावना है। अब तक 629 लाख क्विंटल गन्ने की पेराई से 65.69 लाख क्विंटल चीनी का उत्पादन हो चुका है। पेराई सत्र के भी जल्दी समाप्त होने की संभावना है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जिला गन्ना अधिकारी संजय सिसोदिया का कहना है कि गत वर्ष के मुकाबले इस बार गन्ने का उत्पादन कम रहेगा। अनुमानत: इस बार 50 लाख क्विंटल गन्ना कम निकल सकता है। चीनी मिलों और गन्ना विभाग के प्रारंभिक सर्वे में यह सामने आ रहा है।