कुरुक्षेत्र : गन्ना, सूरजमुखी और हरा चारा बोने वाले किसानों के लिए खेतों में अपर्याप्त बिजली आपूर्ति चिंता का विषय बन गई है। किसानों का आरोप है कि उन्हें रोजाना पांच घंटे बिजली भी नहीं मिल रही है।
गन्ना किसानों ने कहा, हम समझते हैं कि गेहूं की कटाई के दौरान बिजली की आपूर्ति कम करने की जरूरत है, लेकिन सूरजमुखी, गन्ना, चारा और सब्जियों जैसी अन्य फसलों के बारे में क्या जहां सिंचाई की आवश्यकता होती है। वर्तमान में गन्ने की बुवाई चल रही है और समय पर सिंचाई न होने की स्थिति में बीजों के अंकुरण पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। गन्ना किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद राणा ने कहा की, गन्ने के खेतों में कम से कम आठ घंटे बिजली की जरूरत होती है, लेकिन मुश्किल से पांच घंटे भी बिजली मिल पाती है। किसान खेतों की सिंचाई के लिए डीजल जलाने को मजबूर हैं और इससे उत्पादन लागत बढ़ेगी।इस बीच, बीकेयू (चारुणी) ने आठ घंटे बिजली आपूर्ति बहाल नहीं करने पर आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है।