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नरसिहपुर, 010 मार्च, मध्य प्रदेश में शासन-प्रशासन की नीतियों के कारण वर्षों से किसानों की आर्थिक स्थिति बिगड़ती ही जा रही है। अनेक किसान आंदोलन होने के बाद भी प्रशासन मात्र दिखावा की कार्यवाही करता आया है। यही कारण है कि किसान अनेक समस्याओं से जूझ रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन के जिला अध्यक्ष बाबूलाल पटैल ने ये आरोप लगाते हुए बताया कि गन्ना किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर यूनियन के पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री के नाम डिप्टी कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर 7 दिवस में समस्याओं के निराकरण की मांग की साथ ही चेतावनी दी कि यदि सार्थक कार्यवाही नही की गयी तो किसान आंदोलन को विवश होंगे। ज्ञापन में बताया गया कि उपज के उचित दाम न मिलने, समयबद्ध भुगतान न होने एवं प्राकृतिक आपदाओं के चलते गन्ना किसान की माली हालत बिगड़ती जा रही है।
इन्होंने सुगर मिलों द्वारा किसानों से खरीदे गये गन्ने का लंबित भुगतान शीघ्र किये जाने की मांग की गयी। साथ ही बताया गया कि गत वर्ष किसान आंदोलनों के बाद सुगर मिलों द्वारा 300 रूपये प्रति क्विंटल की दर से गन्ना खरीदा गया था, लेकिन वर्तमान में शासन द्वारा रिकव्हरी के आधार पर गन्ना की जो दरें तय की गयी हैं उसके आधार पर भुगतान नही किया जा रहा है। अत: कम रेट पर मिलों द्वारा खरीदे गये गन्ने की शेष राशि का तुरंत भुगतान कराया जाये। इन्होंने बताया कि पिछली भाजपा सरकार के वक्त सहकारी समितियों द्वारा की खरीदी का भुगतान अब भी लंबित हैं, जिसका 7 दिन के भीतर भुगतान किया जाये।
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