मुजफ्फरनगर: भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने 50 रुपये प्रति टन की एफआरपी बढ़ोतरी को पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की तुलना में ‘अपर्याप्त’ बताया है. केंद्र सरकार ने बुधवार को विपणन वर्ष 2021-22 के लिए गन्ने का उचित और लाभकारी मूल्य (FRP) 50 रुपये प्रति टन बढ़ा दिया, लेकिन चीनी के बिक्री मूल्य में तत्काल वृद्धि से इनकार किया। आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बुधवार शाम यहां पत्रकारों से बातचीत में टिकैत ने कहा, गन्ने के एफआरपी में बढ़ोतरी किसानों को स्वीकार्य नहीं है क्योंकि यह पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि की तुलना में अपर्याप्त है। उन्होंने मांग की कि गन्ने के उचित और लाभकारी मूल्य में बढ़ोतरी पेट्रोल, डीजल और अन्य वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि के बराबर होनी चाहिए, जिनका उपयोग किसान फसल बढ़ाने के लिए करते हैं।
सरकार ने पेराई सत्र 2021-22 के लिए गन्ने का FRP 290 रुपये प्रति क्विंटल तय किया है। सरकार ने कहा कि बेसिक रिकवरी रेट 10 फीसदी के लिए 290 रुपये प्रति क्विंटल की FRP तय की गई है।
आपको बता दे, पिछले सीजन में 10 रूपये प्रति क्विंटल FRP बढाकर 285 रूपये की गई थी। गन्ना किसान पिछले कई महीनो से गन्ना मूल्य में बढ़ोतरी की मांग कर रहे थे।
व्हाट्सप्प पर चीनीमंडी के अपडेट्स प्राप्त करने के लिए, कृपया नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें.
WhatsApp Group Link