कलबुर्गी : जिले के अलंद तालुक में गन्ना उत्पादक किसानों ने गन्ने की कटाई और ढुलाई के लिए तय किए गए एकसमान शुल्क का भुगतान नहीं करने के लिए एनएसएल शुगर्स के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने का फैसला किया है। पूर्व विधायक बी.आर. पाटिल ने आरोप लगाया कि, एनएसएल शुगर्स के संबंधित अधिकारियों द्वारा निर्धारित कटाई और परिवहन शुल्क का भुगतान नहीं कर रहे थे। जिससे किसान खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे है।
किसानों ने आरोप लगाया की मिल प्रबंधन कटाई और परिवहन शुल्क के तहत 850 रूपये प्रति टन की कटौती करके किसानों पर अन्याय कर रहा था, जबकि जो किसान स्वयंम गन्ने की कटाई और परिवहन कर रहे थे, उन्हें केवल 600 रूपये प्रति टन मिल रहा था। पाटिल ने कहा कि, ‘एक्स-गेट’ सिस्टम ने किसानों के लिए एक बड़ी श्रम और परिवहन समस्या पैदा कर दी है। उन्होंने कहा कि, इससे चीनी मिलों द्वारा किसानों का शोषण हो रहा है। फिक्स्ड रेमुनरेटिव प्राइस (एफआरपी) के लिए मिल को 2,250 प्रति टन भुगतान करना होता है, लेकिन किसानों को केवल 2,100 रूपये प्रति टन का भुगतान किया गया। मिल ने 2018-19 के दौरान गन्ने की पेराई का लगभग 11 करोड़ रूपये बकाया का भुगतान नहीं किया है, इसीलिए किसान अपना गन्ना एनएसएल शुगर्स को भेजने के लिए तैयार नहीं हैं। हालांकि, अलंद के विधायक सुभाष गुटेदार ने हाल ही में आंदोलनकारी गन्ना किसानों से वादा किया था कि वह हस्तक्षेप करेंगे और उनके बकाये को समाप्त करने में मदद करेंगे, लेकिन उन्होंने इस संबंध में कोई प्रयास नहीं किया।
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