शामली : पिछलें साल की तरह इस साल भी उत्तर प्रदेश में गन्ने का अच्छा उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। पिछले सीजन के हजारों करोड़ रुपयों के बकाये के बावजूद आगामी सीजन की तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। लेकिन, अब की बार गन्ना किसानों के सामने नई मुसीबत खड़ी हुई है, और वो है गन्ना कटाई मजदूरों के कमी की। किसानों के सामने पहले ही समस्याओं का ढेर लगा रहता है। गन्ने की कटाई का काम शुरू हो चुका है, लेकिन कोरोना महामारी के डर से कई सारे गन्ना कटाई मजदूरों ने इस काम से मुहं फेर लिया है। अगर कुछ मजदुर मिल भी रहे हैं तो किसानों से काफी अधिक पैसों की मांग रहे है। जिससे गन्ना किसानों की हालत काफी खस्ता हुई है। शामली जिले की स्थिति भी इससे परे नही है।
शामली जिले में अधिकांश किसानों के पास बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से मजदूर आते हैं। लॉकडाउन लगने पर मजदूर अपने घरों को वापस लौट गए। किसान ठेकेदारों से संपर्क कर रहे हैं, लेकिन अभी तक स्थिति यह है कि ज्यादातर मजदूर आने को तैयार नहीं है। जो मजदुर आने के लिए तैयार हैं, उन्होंने ज्यादा पैसों की मांग की है। गत वर्ष 40 रुपये प्रति कुंतल की दर से मजदूर गन्ने की कटाई-छिलाई करते थे और अब 45 से 50 रुपये मांग रहे हैं। किसान की मजबूरी है, लेकिन किसी को चार मजदूरों की जरूरत है तो उन्हें एक या दो ही मिल पा रहा है। ऐसे में किसानों की परेशानियां बढ़ गई हैं।
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