सूरत: देश में कोरोना वायरस के चलते चीनी मिलों में गन्ना पेराई पर भी असर पड़ा है। कई राज्यों में अभी गन्ना खेत में पड़ा है, क्यूंकि उसे काटने के लिए गन्ना कटाई मजदूर की कमी है।
गुजरात की बारडोली चीनी मिल भी इससे परेशान है। बारडोली चीनी मिल के उपाध्यक्ष भावेश पटेल ने कहा कि मार्च के आसपास गन्ने की कटाई की जाती है, लेकिन कोरोना के कारण, कई मजदूर मध्य प्रदेश में अपने मूल स्थानों पर लौट आए हैं। मजदूरों की कमी के कारण, जिले में लगभग 8000 हेक्टेयर भूमि में फैले लगभग 1.25 लाख टन गन्ने की कटाई नहीं हो पा रही है।
पटेल ने कहा कि, लगभग 1.25 लाख टन गन्ना काटने के लिए हमें लगभग 10,000 मजदूरों की आवश्यकता है, लेकिन हम 3,000 खेती मजदूरों के साथ काम कर रहे हैं। हम उन्हें निर्धारित प्रति टन 275 रुपये की दर के मुकाबले 350 प्रति टन रूपये दे रहे है। हम उन्हें ट्रकों में लेने और छोड़ने की सुविधा भी प्रदान कर रहे हैं। हम अन्य क्षेत्रों से मजदूरों को लाने की अन्य संभावनाओं पर भी गौर कर रहे हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, बारडोली चीनी मिल प्रबंधन समिति ने उन मजदूरों तक पहुंचने की कोशिश की, जो जिले से बाहर चले गए थे। उनके ज्यादा मजदूरी और खाद्य किट दिए जाने का भो ऑफर दिया गया, लेकिन उन्होंने आने से इंकार कर दिया।
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