लखनऊ, 7 अप्रैल: कोरोना संक्रमण के खतरों से देश के नागरिकों को बचाने के बीच देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों से अपील करते हुए कहा है कि अपने सांसद निधि कोष और विधायक कोष से कोरोना से लड़ने के लिए जितना जरूरी हो उतनी वित्तीय राशि दें। प्रधानमंत्री की पहल से प्रेरित होकर कई राज्य सरकारों ने भी मुख्यमंत्री कोरोना केयर फंड बनाया है। इस फंड को बनाने के बाद कई सांसदों और विधायकों ने अपनी निधि का पैसा इस कोष में दिया है। इस फंड के बनाने से जुड़े जनसरोकारों के विषय पर फोन लाइन पर हमारे संवाददाता से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री सुरेश राणा ने कहा कि देश के हर नागरिक की ये ज़िम्मेदारी है कि मुसीबत के वक्त देश के लिए अपना योगदान दें। अभी सम्पूर्ण देश के साथ उत्तर प्रदेश भी कोरोना की महामारी से लड़ रहा है, ऐसे में हमें अपनी तरफ से सरकार की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाने चाहिए ताकि कोरोना की इस महामारी को रोकने के साथ बिमारी से जूझ रहे जरूरतमंद लोगों की मदद की जा सके।
गन्ना मंत्री राणा ने कहा कि मैने खुद अपने विधानमंडल क्षेत्र विकास निधि से मुख्यमंत्री द्वारा सृजित कोरोना केयर फंड में एक करोड़ रुपये दिए है। अग्रिम कार्रवाई के लिए मैने विधानसभा अध्यक्ष के भी पत्र लिखा है ताकि जल्द से जल्द राशि हस्तांतरित हो सके। मंत्री ने कहा कि मै अन्य विधायकों, विधान परिषद सदस्यों, सांसदों, और पार्टी पदाधिकारियों से अपील करता हूं कि आप भी अपनी इच्छानुसार जितना हो सके उतना रुपया मुख्यमंत्री केयर फ़ंड में जरूर दें। जब उनसे पूछा गया कि गांवों में रह रहे गन्ना किसानोें को कोरोना के प्रकोप से बचाने के लिए क्या हो रहा है। इस पर उनका कहना था कि सरकार लगातार प्रयास कर रही है। गांवों में सब जगह स्वास्थ्य सुविधाएं पहुँच रही है। कोरोना का संक्रमण गांवों तक न पहुँचे, यह भी एक प्रमुख वजह है लॉकडाउन करने की। सरकार गांवों में बाहर से आने वाले लोगों का पता कर उनकी जांच करवा रही है। थोडे लक्षण दिखने पर उसकी जांच की जा रही है। ऐसे लोगों से अन्य लोगों को संक्रमण न फैले इसके लिए अलग से कोरोना क्वारंटाइन सेन्टर बनाये गए है।
मंत्री राणा ने कहा कि मै आप सभी से अपील करता हूं कि आइये आप हम सब मिलकर कोरोना की इस महामारी के खिलाफ एकजुट हों और देश को इस विपदा से उबारें।
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