अंबाला: अंबाला में गन्ना किसानों का कहना है की उन्हें पिछले सीजन की तरह इस सीजन में भी कठिन समय का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि नारायणगढ़ चीनी मिल नवंबर में सीजन शुरू होने के बाद से गन्ने की आपूर्ति करने वाले किसानों को समय पर भुगतान सुनिश्चित नहीं कर सकी है। किसानों का कहना है कि, उन्हें विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया जाता है और भुगतान प्राप्त करने के लिए बार-बार अनुरोध करना पड़ता है। अप्रैल में समाप्त हुए पिछले सीजन के 27.59 करोड़ रुपये के नकद भुगतान को भी पिछले साल दिसंबर में मंजूरी दे दी गई थी।
द ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर के मुताबिक, गन्ना किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष विनोद राणा ने कहा, मिल ने चालू सीजन के लिए 23 नवंबर को परिचालन शुरू किया और अब तक 4 दिसंबर तक के भुगतान को मंजूरी दे दी गई है। अधिक बारिश से किसानों को गेहूं और सरसों की फसल का नुकसान हुआ है और गन्ने का भुगतान भी अटका हुआ है। ऐसे में किसानों को अपना खर्च चलाने में मुश्किल हो रही है। इसके अलावा, पिछले सीज़न के पोस्ट-डेटेड चेक भी लंबित हैं। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए 7 फरवरी को एक किसान पंचायत बुलाई गई है और इस बार कमेटी सख्त फैसला लेगी।
वही मिल प्रसाशन का कहना है की चीनी मिल बकाया भुगतान चुकाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है और इसे जल्द चूका दिया जाएगा।