कोल्हापुर : चीनी मंडी
अथर्व कंपनी के चेयरमैन मानसिंह खोराटे ने बताया कि, 31 दिसंबर, 2019 तक अथर्व-दौलत चीनी मिल को गन्ना भेजनेवाले सभी किसानों के बिलों का भुगतान किया गया है। मिल में आनेवाली बाधा पर काबू पाकर प्रबंधन ने सही काम किया है और चंदगड, आजरा और गडहिंग्लज क्षेत्र के गन्ना किसानों ने अथर्व-दौलत चीनी मिल भरोसा जताया है। इतना ही नही किसानों ने अथर्व-दौलत चीनी मिल को गन्ना भेजने के लिए प्राथमिकता दी है, जिसके कारण मिल अच्छी तरह से पेराई करने में सक्षम साबित हुई है।
गन्ना किसानों के साथ साथ समय-समय पर गन्ना परिवहन बिलों का भुगतान किया जाता है। खोराटे ने किसानों से इसके आगे भी ज्यादा से ज्यादा गन्ना अथर्व-दौलत मिल को भेजने का अनुरोध किया।
आपको बता दे, महाराष्ट्र के पश्चिमी इलाके में तेज बाढ़ और मराठवाडा में सूखे के कारण गन्ना फसल क्षतिग्रस्त हुई थी, और तो और मराठवाडा में सूखे के कारण काफी सारे गन्ने का इस्तेमाल पशु शिविरों में चारे के रूप में किया गया, जिसका सीधा असर पेराई पर दिखाई दे रहा है। इस बार महाराष्ट्र में बाढ़ और सूखे के कारण गन्ना उत्पादन पर काफी असर पड़ा है और साथ ही साथ, राज्य में राजनीतिक अनिश्चितता के कारण गन्ना पेराई सत्र में देरी हुई है। महाराष्ट्र में चीनी मिलों ने राज्य के राज्यपाल बीएस कोश्यारी से अनुमति मिलने के बाद आधिकारिक तौर पर गन्ना पेराई सीजन शुरू कर दिया था। राज्यपाल ने 22 नवंबर को आधिकारिक रूप से सीजन शुरू करने की अनुमति दी थी। देरी से सीजन शुरू होने के कारण चीनी उत्पादन में काफी गिरावट देखि जा सकती है।