शामली : कम बारिश के चलते इस पेराई सीजन में शामली जिले में गन्ना उत्पादन में गिरावट की संभावना बनी हुई है। अमर उजाला में प्रकाशित खबर के अनुसार, जिले में 700 से लेकर 800 एमएम बारिश सामान्य बारिश का आकलन होता है। 800 एमएम से अधिक बारिश को सामान्य से अधिक माना जाता है।इस साल शामली जिले में मात्र 392 एमएम बारिश गत 31 अगस्त 2024 तक आंकी गई है। बरसात का मौसम जून से लेकर 15 सितंबर का माना जाता है। 15 सितंबर के बाद मौसम साफ हो जाता है। इस साल 392 एमएम बारिश होने पर किसानों को अपनी फसल बचाने के लिए बिजली के नलकूप और नहरों से सिंचाई करनी पड़ेगी।
कृषि विभाग के उपनिदेशक प्रमोद कुमार ने बताया कि, कम बारिश होने से गन्ना धान, मक्का, सब्जियों का उत्पादन प्रभावित होने की संभावना है। शामली कृषि विज्ञान केंद्र जलालपुर के कृषि वैज्ञानिक डॉ. ओमकुमार सिंह के अनुसार, गन्ना और धान के लिए कम बारिश उत्पादन को प्रभावित करता है। वरिष्ठ कृषि वैज्ञानिक डॉ. विकास मलिक के मुताबिक औसत बारिश 700-800 एमएम मानी गई है। 800 एमएम से अधिक बारिश सामान्य से अधिक माना गया है। बारिश कम होने से गन्ना, धान की बढ़वार रुक जाती है। गन्ना,धान,लौकी, तुरई, टमाटर आदि सब्जियों का उत्पादन प्रभावित होता है।