पुणे: इस साल हुई अच्छी बारिश, पानी से भरे हुए बांध और फसल को मिल रहे अच्छे दाम के चलते किसानों ने गन्ना फसल की ओर रुख किया है। खासकर महाराष्ट्र के मराठवाडा इलाके में गन्ना फसल का उत्पादन रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ने की संभावना है। ‘चीनीमंडी’ से बात करते हुए नेचुरल शुगर एंड एलाइड इंडस्ट्रीज के प्रबंध निदेशक बी.बी. ठोंबरे ने कहा, पिछले साल पानी की कमी के कारण कई किसानों ने गन्ने की जगह दूसरी फसलें उगानी शुरू कर दी थी, लेकिन इस साल हुई अच्छी बारिश के कारण किसान गन्ना फसल की तरफ मुड गये है।
उन्होंने कहा, अगले साल पश्चिमी महाराष्ट्र में गन्ना उत्पादन में ज्यादा उतार- चढाव होने की संभावना कम है, लेकिन मराठवाडा क्षेत्र में गन्ने का क्षेत्र और उत्पादन बढ़ने की संभावना है। किसानों के अधिक गन्ना बोने के पीछे पानी के साथ साथ फसल को मिल रहा अच्छा मूल्य भी प्रमुख कारक है। सोयाबीन और कपास जैसी वैकल्पिक फसलों से कम रिटर्न मिलने के बाद कई किसान गन्ना बोने लगे हैं। किसानों ने पर्याप्त जल आपूर्ति और प्रतिस्पर्धी फसलों की घटती कीमतों के चलते गन्ने की खेती का विस्तार किया है।
गन्ना क्षेत्र बढ़ने के कारण अगले विपणन वर्ष में महाराष्ट्र में ज्यादा मात्रा में चीनी उत्पादन होने की संभावना है। उत्पादन में उछाल के चलते 2025-26 में सरकार से निर्यात फिर से शुरू करने की अनुमति मिल सकती है। रायटर्स में प्रकाशित खबर के मुताबिक, सरकारी आंकड़ों से पता चलता है कि, महाराष्ट्र और पड़ोसी कर्नाटक के जलाशय, 2023 की तुलना में अधिक पानी धारण कर रहे हैं। भारत की वार्षिक मानसून वर्षा, पानी की अधिक खपत वाली गन्ने की फसल के लिए रोपण क्षेत्र निर्धारित करने में महत्वपूर्ण है। इस वर्ष, महाराष्ट्र और कर्नाटक के गन्ना उगाने वाले क्षेत्रों में औसत से अधिक बारिश हुई।