सांगली: शरद जोशी प्रणित शेतकरी संघठन के नेता संजय कोले ने कहा की, पश्चिमी महाराष्ट्र की चीनी मिलों की तुलना में रिकवरी कम होने के बावजूद गुजरात की चीनी मिलें गन्ना किसानों को ज्यादा दर देती है। पिछले 12-13 वर्षों से शरद जोशी प्रणित शेतकरी संघठन गुजरात की तरह गन्ना दर देने की मांग कर रहा है।
उन्होनें कहा की, मिलें एकमुश्त एफआरपी दे और पिछलें सीजन का गन्ना बकाया भुगतान करें।
उत्तर प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन ने गन्ने को प्रति टन 5000 रुपयों की मांग की है। उन्होंने इन मांगो पर सवालिया निशान खड़ा करते हुए पूछा की, इन मांग के पीछें किसानों का हित है, या नेताओं का स्वार्थ छुपा है? यह जानना बहुत जरुरी है।
कुछ संघठनों ने घोषणा की है की, गन्ना दर घोषित करने तक चीनी मिलें शुरू नहीं होने देंगे।
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